इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ पीठ ने एसिड अटैक पीड़ितों के जख्मों पर मरहम रखते हुए कहा है कि ऐसे लोगों के इलाज के लिये कदम उठाए जाने चाहिए, क्योंकि वे लोग हर रोज तकलीफ से गुजरते हैं. वह कड़वा अनुभव सारी जिंदगी उनका पीछा करता है.
जस्टिस सुधीर कुमार सक्सेना द्वारा 19 अगस्त को दिये गये आदेश में राज्य सरकार से तेजाब हमलों के शिकार लोगों को मुआवजे के भुगतान के संबंध में हलफनामे पर जवाब देने को कहा गया है.
इसके अलावा शपथपत्र में तेजाब की सामान्य बिक्री पर प्रतिबंध लगाने के लिये उठाये गये कदमों का जिक्र करने के निर्देश भी दिये गये हैं. कोर्ट ने लखनऊ के एसिड अटैक के मामले में दोषी करार दिए गए मुहम्मद कलीम नामक व्यक्ति की याचिका पर यह आदेश दिया है.
एसिड अटैक करने के जुर्म में 10 साल कैद की सजा पाए कलीम ने इस मामले में अपनी जमानत की अपील की थी. वह 27 जुलाई, 2010 से जेल में है. कोर्ट ने सरकार से यह भी पूछा कि कलीम से जुड़े मामले में पीड़ित को क्यों ना तीन लाख रुपये मुआवजा दिया जाए.