यूपी के कुंडा से विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया के करीबी और निवर्तमान एमएलसी अक्षय प्रताप सिंह उर्फ गोपालजी को स्पेशल कोर्ट ने सात साल जेल की सजा सुनाई है. इसके साथ ही उनपर 10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है. अक्षय प्रताप सिंह को ये सजा फर्जी पते के आधार पर हथियार का लाइसेंस लेने के मामले में सुनाई गई है. सजा मिलने के बाद अब वह एमएलसी का चुनाव नहीं लड़ पाएंगे.
इससे एक दिन पहले ही प्रतापगढ़ की एमपी/एमएलए एफटीसी कोर्ट ने अक्षय प्रताप सिंह को इस मामले में दोषी ठहराया था और पुलिस कस्टडी में लेने का आदेश दिया था.
निवर्तमान एमएलसी अक्षय प्रताप सिंह उर्फ गोपालजी ने जनसत्ता दल लोकतांत्रिक से एमएलसी का पर्चा भी भरा है. अक्षय प्रताप सिंह के कोर्ट में मौजूद न रहने के कारण कोर्ट ने सजा सुनाने के लिए 23 मार्च की तिथि मुकर्रर की थी. कोर्ट ने पुलिस अफसरों और राजस्व कर्मियों के खिलाफ भी कार्रवाई के आदेश दिए हैं.
गौरतलब है कि नगर कोतवाली में 6 सितंबर 1997 को एमएलसी अक्षय प्रताप सिंह उर्फ गोपालजी के खिलाफ आईपीसी की धारा 420, 468 और 471 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था. इस मामले में खुलासा हुआ था कि गोपालजी ने शस्त्र लाइसेंस लेने के लिए अपना पता बस अड्डा, नगर कोतवाली प्रतापगढ़ दर्शाया था, लेकिन उनका पता कुछ और है.एमपी-एमएलए और एफटीसी द्वितीय बलरामदास जायसवाल की कोर्ट ने पाया था कि निवर्तमान एमएलसी अक्षय प्रताप सिंह उर्फ गोपालजी ने तथ्य छिपाकर गलत पते पर शस्त्र लाइसेंस हासिल किया था.
वैसे अक्षय प्रताप के लिए ये ज्यादा बड़ा झटका इसलिए भी माना जा रहा है क्योंकि वे राजा भैया के काफी करीबी माने गए हैं. उनकी राजनीति भी उसी आधार पर काफी आगे बढ़ी है. वे प्रतापगढ़ से तीन बार एमएलसी तो एक बार सांसद रह चुके हैं. इस बार फिर राजा भैया की तरफ से उन्हें उम्मीदवार घोषित किया गया है. लेकिन उस चुनाव से पहले ही उनके खिलाफ कोर्ट द्वारा सजा के बाद वे चुनाव नहीं लड़ पाएंगे.
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