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फूलों से सजी लग्जरी गाड़ियों से हो रही गोतस्करी, एक दुर्घटना से हुआ खुलासा

फूलों से सजी लग्जरी गाड़ियों में दूल्हा-दुल्हन तो आपने जाते देखे होंगे, लेकिन अब यही तरीका गोतस्करों ने गायों की तस्करी के लिए ईजाद कर लिया है.

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गोतस्करी में इस्तेमाल वाहन
गोतस्करी में इस्तेमाल वाहन

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फूलों से सजी लग्जरी गाड़ियों में दूल्हा-दुल्हन तो आपने जाते देखे होंगे, लेकिन अब यही तरीका गोतस्करों ने गायों की तस्करी के लिए ईजाद कर लिया है. इस तरीके से पुलिस और गोरक्षकों से पकड़े जाने का खतरा बहुत कम होता है और सड़क पर पुलिस नाकों पर पैसे देने की भी कोई झंझट नही रहती है.

गोतस्करों के इस नए तरीके का गरुवार को उस समय भंडाफोड़ हो गया, जब उनकी तेज गति में जा रही स्कार्पियो गाड़ी राजस्थान के किशनगढ़बास क्षेत्र में हाइवे पर पलट गई थी.  दो गोतस्कर गाड़ी पलटने के बाद भागने में कामयाब हो गए, लेकिन इस घटना में तीन गायों की मौत हो गई. मृत गायों को पुलिस ने पोस्टमार्टम के बाद गायों के शव को जेसीबी से गड्डा खोद कर दफना दिया है.

गाड़ी पटलने की वजह से गाड़ी की फूलों से की गई सजावट तो बिखर गईं, लेकिन फूल-मालाएं लटकी हुई दिखाई दे रही थीं. असल में गोतस्करों के द्वारा पुलिस की सख्ती के बाद 'तू डाल डाल मैं पात पात' के तर्ज पर तस्करी के लिए नए-नए तरीके निकाले जा रहे हैं. ऐसा ही नया मामला अलवर जिले में देखने को मिला, जब एक फूलों से सजी स्कार्पियो गाड़ी पलट गई. स्थानीय लोगों और पुलिस ने मौके पर पहुंच कर देखा तो स्कार्पियो गाड़ी में गायें भरी हुई थीं. गाड़ी में तीन गायों की मौत हो गई, जबकि एक गाय गम्भीर रूप से घायल है, जिसका डाक्टरों द्वारा इलाज करवाने के बाद पुलिस ने उसे गोशाला भिजवा दिया है.

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जिस स्कार्पियो गाड़ी में गायों को भरकर ले जाया जा रहा था वह पूरी तरह से इस तरह सजाई हुई थी कि जैसे शादी के बाद दूल्हा-दुल्हन की गाड़ी सजाई जाती है. इस सजी हुई गाड़ी को बाहर से देखने पर यही लग रहा था कि कोई शादी के बाद दूल्हा-दुल्हन जा रहे हैं, लेकिन अंदर से उस गाड़ी के हालात इस तरह के बनाए हुए थे उसमें एक ड्राइवर सीट के अलावा और कोई सीट नहीं थी और चार गायों को इस स्कार्पियो में जबरन ठूंसा गया था. गाड़ी की रफ्तार तेज होने के चलते किशनगढ़ बास के समीप टोल से कुछ दूरी पर गाड़ी असंतुलित होकर पलट गई. गाड़ी के मालिक के आधार पर अब पुलिस जांच कर रही है और गोतस्करों की तलाश जारी है.

अलवर जिले में गोतस्करी थमने का नाम नहीं ले रही है. गोतस्कर अलग-अलग नए तरीकों से गोतस्करी करने में लगे हुए हैं. इससे पूर्व बोलेरो गाड़ियों में गोतस्करी, पिकअप गाड़ियों से तस्करी और पैदल खुफिया मार्गों से तस्करी के मामले सामने आ चुके हैं. इसके अलावा एजेंट के जरिये हरियाणा तक गांवों में पहुंचाने के मामले सामने आ चुके हैं.

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