ग्लोबल क्रिकेट सट्टेबाज संजीव चावला को लेकर पुलिस गुरुवार को दिल्ली एयरपोर्ट पहुंची. संजीव चावला से दिल्ली पुलिस अब पूछताछ करेगी. प्रत्यर्पण संधि के तहत उसे लंदन से भारत लाया गया है. दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने उसके खिलाफ 2013 में चार्जशीट फाइल की थी. 2000 में मैच फिक्सिंग का मामला सामने आया था, जिसमें पुलिस ने कुल 6 आरोपी बनाए थे. संजीव चावला के प्रत्यर्पण को लेकर दिल्ली पुलिस की टीम लंदन में तमाम औपचारिकताएं पूरी की थी. चिकित्सा जांच के बाद संजीव को अदालत में पेश किया जाएगा.
पुलिस उसे हिरासत में लेकर उससे मैच फिक्सिंग के 19 वर्ष पुराने मामले में पूछताछ करेगी. दरअसल, वर्ष 2000 में 16 फरवरी और 20 मार्च को खेले गए भारत-दक्षिण अफ्रीका के मैच फिक्स करने के लिए दिल्ली पुलिस ने साउथ अफ्रीका टीम के कैप्टन रह चुके दिवंगत हैंसी क्रोनिए और पांच अन्य के खिलाफ चार्जशीट दायर की थी. साउथ अफ्रीका के खिलाड़ी हर्शल गिब्स और निकी बोए के फिक्सिंग से जुड़े होने के पर्याप्त सबूत न मिलने पर उनका नाम चार्जशीट से हटा दिया गया था. इस संबंध में 2013 में दिल्ली पुलिस ने चार्जशीट दायर की थी.
इसमें हैंसी क्रोनिए, सट्टेबाज संजीव चावला, मनमोहन खट्टर, दिल्ली के राजेश कालरा और सुनील दारा सहित टी सीरीज के मालिक के भाई कृष्ण कुमार को आरोपित बनाया गया था. इसके बाद से पुलिस संजीव को भारत लाने का प्रयास कर रही थी. हालांकि मानवाधिकारों का हवाला देकर आरोपी ने यूरोपियन कोर्ट में प्रत्यर्पण के खिलाफ गत 23 जनवरी को अर्जी लगाई थी, जिसे कोर्ट ने नामंजूर कर दिया था.
दिल्ली पुलिस के अधिकारी ने क्या कहा
दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच के एक आला-अफसर ने नाम उजागर न करने की शर्त पर बुधवार को आईएएनएस से खास बातचीत में इसकी पुष्टि की है. इसी अफसर के मुताबिक, "एक महीने के भीतर संजीव चावला को प्रत्यार्पित कराके भारत लाने के प्रयासों के तहत दिल्ली पुलिस अपराध शाखा की टीमें कई बार लंदन गईं. हर बार कोई न कोई नई कानूनी प्रक्रिया आड़े आ जा रही थी. अंतत: भारत सरकार और दिल्ली पुलिस अपराध शाखा की मेहनत और सब्र रंग लाई.
संजीव चावला को फाइनली दबोच कर लाने के लिए बीते रविवार को दिल्ली पुलिस अपराध शाखा के डीसीपी (उपायुक्त) डॉ.जी. राम गोपाल नायक की टीम ने भारत से लंदन के लिए उड़ान भरी थी. उसके बाद दो-तीन दिन तक लंदन में कागजी और कानूनी खानापूर्ति चलती रही. बुधवार को ब्रिटेन सरकार ने संजीव चावला को लेने के लिए हरी झंडी दिखा दी."
दिल्ली पुलिस अपराध शाखा के सूत्रों के मुताबिक, "डीसीपी अपराध शाखा डॉ. जी. रामगोपाल नायक के साथ दो इंस्पेक्टर भी गए हैं. दिल्ली पुलिस अपराधा शाखा के तीनों पुलिस अधिकारियों की टीम के हवाले बुधवार और गुरुवार की रात संजीव चावला को लंदन पुलिस (स्कॉटलैंड यार्ड) कर देगी."
दिल्ली पुलिस अपराध शाखा के एक बड़े अधिकारी ने खबर की पुष्टि में आईएएनएस को यहां तक बता दिया कि "संजीव चावला को एयर इंडिया की किस फ्लाइट नंबर से भारत (दिल्ली) लाया जा रहा है. फ्लाइट्स की डिटेल (लैंडिंग टाइम और फ्लाइट नंबर) सुरक्षा कारणों से यहां नहीं लिखा जा रहा है."
दिल्ली पुलिस मुख्यालय के एक विश्वस्त उच्च पदस्थ सूत्र के मुताबिक, "हां यह तय है कि स्कॉलैंड यार्ड द्वारा भारत का मोस्ट वांटेड अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट सट्टेबाज भारतीय समयानुसार बुधवार-गुरुवार रात तड़के करीब ढाई बजे और लंदन के अनुमानित समयानुसार रात करीब साढ़े नौ बजे सौंप दिया जाएगा. दोनों देशों की पुलिस द्वारा संजीव चावला के लेन-देन की कानूनी हस्तांतरण (प्रत्यर्पण) प्रक्रिया का यह अंतिम चरण हीथ्रो हवाईअड्डा (लंदन) पर अंजाम तक पहुंचेगा."
जब प्रत्यर्पण में कोई संदेह नहीं बचा है तो फिर संजीव चावला को स्कॉटलैंड पुलिस ने बुधवार को ही दिल्ली पुलिस अपराध शाखा की टीम के हवाले क्यों नहीं कर दिया?
दिल्ली पुलिस अपराध शाखा के एक उच्चपदस्थ सूत्र ने कहा, "सब कुछ स्कॉटलैंड पुलिस के हिसाब से हो रहा है. संभव है कि यह सब स्कॉटलैंड यार्ड ने सुरक्षा के लिहाज से किया हो. अगर दिल्ली पुलिस को संजीव चावला फ्लाइट के टाइम से पहले मिल भी गया होता, तो फिर हम (दिल्ली पुलिस अपराध शाखा की टीम) उसे वहां (लंदन में) सुरक्षित कैसे और कहां रखने का इंतजाम करते. इसलिए स्कॉटलैंड यार्ड द्वारा सीधे-सीधे देर रात हीथ्रो हवाईअड्डे पर संजीव चावला को दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच की टीम के हवाले किया जाना ठीक रहेगा."
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गुरुवार को दिल्ली पहुंचने पर अपराध शाखा सबसे पहले संजीव चावला को कहां ले जाएगी? इस सवाल के जबाब में दिल्ली में मौजूद अपराध शाखा के एक आला-अफसर ने कहा, "संजीव चावला कोई आम कैदी नहीं है. उसे एक विशेष संधि के तहत 19 साल बाद हम (भारत सरकार और दिल्ली पुलिस) प्रत्यर्पण कराके यहां ला पा रहे हैं. सबसे पहले उसका मेडिकल चेकअप कराया जाएगा. फिर नियमानुसार उसे अदालत के सामने पेश कर उसकी पुलिस कस्टडी मांगी जाएगी."