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गाजियाबादः ठेकेदार की हत्या का खुलासा, पैसों के लेन-देन में दोस्त ने मार डाला

गाजियाबाद के थाना कविनगर पुलिस ने ठेकेदार पवन शर्मा की हत्या का खुलासा किया है. इस मामले में पुलिस ने पवन शर्मा के दोस्त गजेंद्र को गिरफ्तार किया है.

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सांकेतिक फोटो
सांकेतिक फोटो

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  • लावारिस शव समझकर पुलिस ने कर दिया था दाह संस्कार
  • CDR में आरोपी की आखिरी लोकेशन हापुड़ की मिली थी

गाजियाबाद के थाना कविनगर पुलिस ने ठेकेदार पवन शर्मा की हत्या का खुलासा किया है. इस मामले में पुलिस ने पवन शर्मा के दोस्त गजेंद्र को गिरफ्तार किया है. सट्टे के पैसों के लेन-देन को लेकर उसी के अपने दोस्त ने बड़ी बेरहमी से हत्या कर शव को नहर में फेंक दिया था. वहीं, हापुड़ पुलिस की लापरवाही की वजह से मृतक के परिजन दाह संस्कार नहीं कर पाए क्योंकि हापुड़ पुलिस ने लावारिस शव समझकर दाह संस्कार कर दिया था.  

पुलिस के मुताबिक, गिरफ्तार हत्यारोपी को करीब एक लाख 20 हजार रुपये पवन से लेने थे. इसी लेन-देन के चक्कर में गजेंद्र ने पवन की हत्या की साजिश रची थी. उसने पवन की हत्या कर गंग नहर में उसके शव को ठिकाने लगाया था. बता दें कि गाजियाबाद के गोविंदपुरी में रहने वाले पवन शर्मा 4 जनवरी को रहस्यमय तरीके से लापता हो गए थे. 6 जनवरी को पवन शर्मा की लाश सिंभावली थाना क्षेत्र के एक नहर में तैरती हुई मिली और पुलिस ने लावारिस लाश को निकालकर पोस्टमार्टम के बाद 9 जनवरी को दाह संस्कार कर दिया था.

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पत्नी ने दी थी तहरीर

एसपी सिटी मनीष मिश्रा ने बताया कि पवन शर्मा की पत्नी द्वारा दी गई तहरीर के आधार पर जांच शुरू की गई. इस मामले की गहन जांच में सीडीआर के तहत पाया गया कि पवन शर्मा की सबसे ज्यादा कॉल और आखिरी बात हापुड़ के रहने वाले दोस्त गजेंद्र से हुई थी. सीडीआर में भी आखिरी लोकेशन हापुड़ ही मिली थी. गजेंद्र से पुलिस ने सख्ती से पूछताछ की तो चौंकाने वाली बातें सामने आईं.  

बाबा पास लेकर गया था आरोपी

गजेंद्र ने सट्टे में पवन से एक लाख 20 हजार रुपए जीते थे और इन पैसों के लिए गजेंद्र दबाव बना रहा था. पवन ने महज 1200 रुपये देकर बाकी पैसे देने से मना कर दिया था. इसके बाद गजेंद्र ने पवन की हत्या की साजिश रची थी. उसने 4 जनवरी को पवन को फोन करके बुलाया. आरोपी 5 जनवरी को एक बाबा के पास पवन को लेकर गया और वहां नशीला पदार्थ देकर गंग नहर के पास चला गया. यहां उसने पवन की हत्या के बाद शव नहर में फेंककर फरार हो गया. गजेंद्र ने पवन के मोबाइल से सिम भी निकाल ली थी, ताकि परिजनों को किसी तरह का कोई शक न हो.

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