बिहार के राजगीर स्थित सीआरपीएफ के डीआईजी डीके त्रिपाठी ने अपने जवान पर गर्म पानी फेंक दिया था. सूत्रों के मुताबिक जवान के ऊपर गर्म पानी फेंकने वाले डीआईजी का तबादला सीआरपीएफ के मणिपुर-नगालैंड सेक्टर में कर दिया गया है. वहां उन्हें स्वतंत्र कार्यभार नहीं सौंपा गया है, बल्कि आईजी के साथ अटैच कर दिया गया है. इससे पहले डीके त्रिपाठी बिहार के मोकामाघाट ग्रुप सेंटर के डीआईजी थे.
आजतक की खबर का असर
बताया जा रहा है कि बोर्ड की ड्यूटी के चलते डीआईजी डीके त्रिपाठी राजगीर आए हुए थे. जहां डीआईजी ने गुस्से में आकर मेस में काम कर रहे जवान पर उबलता हुआ पानी डाल दिया जिससे जवान गंभीर रूप से जल गया. इसके बाद जवान को अस्पताल में भर्ती कराया गया.
आजतक को सीआरपीएफ की एक इंटरनल रिपोर्ट हाथ लगी जिसमें यह जानकारी मिली है कि डीआईजी ने गर्म पानी उसके ऊपर फेंका है. इस खबर को आजतक ने बारीकी से दिखाया था. जिसके बाद एक इंक्वायरी भी बैठाई गई और तत्काल जांच के निर्देश दिए गए. इस मामले की जांच आईजी को सौंपी गई थी. 10 जनवरी तक जांच रिपोर्ट सौंपी जानी थी.
क्या है पूरी रिपोर्ट?
सूत्रों के मुताबिक सीआरपीएफ की 64 बटालियन के जवान अमोल खराट अटैच ड्यूटी के तहत राजगीर स्थित केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के प्रशिक्षण केंद्र पर कार्यरत हैं. वहां परीक्षाएं संचालित हो रही थी. इसके लिए जो बोर्ड बनाया गया था, उसमें बाहर से भी कई अधिकारी आए हुए थे. जवान अमोल की ड्यूटी जीओ मेस में लगाई गई थी.
सूत्रों ने बताया बोर्ड में आए हुए डीआईजी डीके त्रिपाठी जब मेस में पहुंचे तो डीआईजी ने गर्म पानी लाने के लिए कहा था. उन्हें एक थर्मस में गर्म पानी दे दिया गया. थर्मस का पानी काफी गर्म था. डीआईजी साहब इसी बात पर गुस्सा हो गए. उन्होंने जवान के ऊपर वह गर्म पानी फेंक दिया. इससे जवान का चेहरा, गर्दन और सीने का हिस्सा झुलस गया. हालांकि जवान ने जर्सी पहनकर रखी थी, लेकिन गर्म पानी ने फिर भी घाव कर दिया.
एक अधिकारी ने घटना की बात स्वीकारी
सूत्रों के मुताबिक सीआरपीएफ मुख्यालय के एक अधिकारी ने घटना की बात स्वीकारी थी. अधिकारी का कहना है कि यह घटना सही है. हालांकि, उन्होंने घटना को अलग तरीके से बताया था. उन्होंने आजतक को बताया कि डीआईजी ने जब थर्मस खोलकर वह पानी पीया तो उनका मुंह जल गया. इसी बात पर वे गुस्सा हो गए. उन्होंने जवान अमोल खराट को बुलाया और वह पानी जांचने के लिए कहा.
डीआईजी डीके त्रिपाठी बोले कि यह पानी पियो. वह जवान जब पानी पीने लगा तो वह उसके ऊपर गिर गया. इसी चक्कर में जवान अमोल खराट झुलस गए. आज तक ने जब इस खबर को बारीकी से दिखाया तो सीआरपीएफ मुख्यालय में हड़कंप मच गया. उसके बाद इस मामले को लेकर जांच बैठाई गई.
सूत्रों के मुताबिक जांच में जब डीआईजी के मामले को सही पाया गया तो उसके बाद डीआईजी का ट्रांसफर कर आईजी के पास अटैच कर दिया गया. किसी कामकाज के लिए उनको अभी नहीं कहा गया है.