दिल्ली हाई कोर्ट यौन उत्पीड़न के एक मामले में आरोपी दाती महाराज की याचिका पर आज यानी दो नवंबर को सुनवाई करेगा. दाती महाराज के वकील ने याचिका में आरोप लगाया है कि आरोपी ने कुछ सूचना छिपा ली है. दाती ने हाई कोर्ट के तीन अक्टूबर के उस आदेश को चुनौती दी है, जिसमें उनके खिलाफ दायर मामला दिल्ली पुलिस अपराध शाखा से सीबीआई को स्थानांतरित कर दिया गया था.
मुख्य न्यायाधीश राजेन्द्र मेनन और न्यायमूर्ति ए जे भाम्भानी ने कहा कि पुनर्विचार याचिका पर दलील उनकी पीठ ही सुनेगी और पूर्व का आदेश मुख्य न्यायाधीश और न्यायमूर्ति वी के राव की पीठ ने जारी किया था. अदालत ने पूर्व में मुख्य न्यायाधीश और न्यायमूर्ति राव की पीठ के समक्ष दो नवंबर को सुनवाई के लिए मामला सूचीबद्ध किया था.
न्यायमूर्ति राव मंगलवार को छुट्टी पर थे. वरिष्ठ वकील एन हरिहरन, दाती की ओर से अदालत में पेश हुए और कहा कि याचिका शुरूआत में उच्चतम न्यायालय में दायर की गई थी. उच्चतम न्यायालय ने दाती महाराज को उनकी शिकायत के लिए उच्च न्यायालय जाने को कहा था.
वकील ने दावा किया कि शिकायतकर्ता ने अदालत से कुछ बातें छिपाईं और सुनवाई के दौरान भी उन्हें गोपनीय बनाए रखा. सीबीआई के एक अधिकारी ने एक सीलबंद लिफाफे में अदालत के समक्ष जांच की स्थिति रिपोर्ट पेश की. एजेंसी ने 26 अक्टूबर को दाती के खिलाफ बलात्कार और अप्राकृतिक यौनाचार का एक मामला दर्ज किया था.
पीठ 2 याचिकाओं पर भी सुनवाई कर रही है. इनमें से एक याचिका शिकायतकर्ता की है और दूसरी याचिका में सीबीआई को मामला सौंपे जाने की मांग की गई है. ये याचिकाएं अधिवक्ता जोगिन्दर तुली के जरिए दायर की गई है.
सीबीआई की प्राथमिकी में दाती महाराज ऊर्फ दाती मदन लाल राजस्थानी व उसके तीन सहयोगियों अशोक, अर्जुन व अनिल पर दक्षिण दिल्ली के फतेहपुर बेरी में 9 जनवरी, 2016 को अपने आश्रम में 25 साल की अनुयायी के साथ दुष्कर्म व अप्राकृतिक यौन संबंध बनाने का आरोप है. दिल्ली पुलिस ने दिल्ली की पीड़िता की शिकायत के बाद जून में मामला दर्ज किया और एक अक्टूबर को दाती महाराज व अन्य के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया.