गुजरात से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है. अहमदाबाद के कस्बे में ऊंची जाति के लोगों ने एक दलित युवक की सोमवार रात कथित तौर पर इसलिए हत्या कर दी क्योंकि उसने इंटरकास्ट मैरिज की थी. युवक पर उस वक्त हमला किया गया, जब वह सुरक्षा के लिए गुजरात सरकार की अभयम हेल्पलाइन की एक टीम के साथ अपनी नवविवाहिता पत्नी को उसके मायके से लेने गया था.
अहमदाबाद ग्रामीण पुलिस ने अत्याचार अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत हत्या का केस दर्ज कर इस मामले में एक शख्स को गिरफ्तार किया है. अन्य सात आरोपी फरार हैं. पुलिस ने कहा कि अन्य आरोपियों की तलाश जारी है, वे सभी एक ही गांव के हैं. अभयम हेल्पलाइन की काउंसलर बाविका भागोरा ने इस मामले में केस दर्ज कराया है. उन्होंने कहा, मरने वाले का नाम हरेश सोलंकी था. उसकी उम्र 25 साल थी.वह अहमदाबाद जिले की मंडल तहसील के गांव वारमोर में उच्च जाति दरबार समुदाय की अपनी पत्नी उर्मिला झाला को लेने गया था. हरेश की धारदार हथियार से हत्या करने से पहले करीब 10 लोगों ने उस पर हमला किया और गुजरात सरकार की अभयम हेल्पलाइन की आधिकारिक एसयूवी को भी तहस-नहस कर दिया. हमलावरों ने गाड़ियों की खिड़की के शीशे तोड़ दिए. हमले में अभयम टीम के सदस्यों को भी चोट आई है.
Ahmedabad: A Dalit man Haresh Kumar Solanki murdered allegedly by his upper-caste in-laws in Varmor village on July 8. Police say, "family of the woman wanted to break the marriage. They called their daughter home&didn't let her return. They invited victim to have talks".#Gujarat pic.twitter.com/aYiB4yNw6n
— ANI (@ANI) July 10, 2019
DSP Praveen Kumar Meena: Victim called 181 women's helpline for counselling with family.But after counselling ended, he was attacked by the family. Police personnel were also attacked. Offence of murder, attack on public servants, criminal conspiracy, & under SC-ST Act registered https://t.co/xFbovR4kHM
— ANI (@ANI) July 10, 2019
मौके पर पहुंचे दलित अधिकार कार्यकर्ता किरीट राठौड़ ने मंडल पुलिस थाने के बाहर न्यूज एजेंसी आईएएनएस को बताया कि हरेश और उर्मिला कादी कस्बे के एक कॉलेज में पढ़ रहे थे. उन्होंने 6 महीने पहले शादी की थी. हरेश सोलंकी कच्छ जिले के गांधीधाम का रहने वाला था.
राठौड़ ने कहा, एफआईआर और सोलंकी के परिजनों के अनुसार, "यह इंटरकास्ट मैरिज थी और लड़की का परिवार इसके खिलाफ था, क्योंकि हरेश सोलंकी दलित समुदाय का था. शादी के बाद लड़की के परिजनों ने उर्मिला से मीठी-मीठी बातें कीं और उसे इस वादे के साथ घर ले गए कि वह जल्द ही अपने पति के पास लौट आएगी." लड़की के परिवार ने जब उसे वापस भेजने से इनकार कर दिया, तब हरेश ने 181 अभयम महिला हेल्पलाइन की मदद मांगी.
राठौड़ ने कहा, "हेल्पलाइन की टीम ने लड़की के परिवार को समझाने और उसे हरेश के साथ भेजने का फैसला किया. वे अभयम की गाड़ी से गए. शुरुआत में लड़की के परिवार के सदस्यों ने हेल्पलाइन के सदस्यों और हरेश से बात नहीं की, लेकिन कुछ ही देर बाद वहां कई लोग जुट गए और उन पर हमला कर दिया."