सरोज का आरोप है कि “हमारी बेटी फतेहपुर फॉरेस्ट चेकपोस्ट के पास हैंड पम्प से पानी भर रही थी और बर्तन साफ कर रही थी. तभी फॉरेस्ट रेंजर सुरेश शर्मा ने उसे जातिसूचक शब्दों के साथ बुलाने के साथ गालियां दीं. जब बेटी ने ऐसा कहने से मना किया तो एक महिला अधिकारी ने उसे बालों से खींचना शुरू कर दिया. मेरे पति वहीं से 100 मीटर की दूरी पर काम कर रहे थे. वो बेटी को बचाने के लिए आगे आए तो उन्हें गोली मार दी गई.”
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अब तक नहीं हुई गिरफ्तारी
वन विभाग ने शुरू में अपने अधिकारियों को बचाने की कोशिश करते हुए दावा किया कि गांववालों ने फॉरेस्ट गार्ड की बंदूक छीनने की कोशिश की. ये गार्ड उस अतिक्रमण विरोधी टीम में शामिल था जिसे रविवार को मौके पर भेजा गया था. रविवार शाम को गांव वालों ने करेरा पुलिस स्टेशन के बाहर घटना के विरोध में प्रदर्शन किया. इसके बाद आईपीसी की धारा 302 के तहत सुरेश शर्मा समेत 15 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया. अभी तक इस मामले में कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है. वन विभाग ने इस प्रकरण की जांच के आदेश दिए हैं.
बीजेपी ने कमलनाथ सरकार को घेरा
विरोधी पार्टी बीजेपी ने इस घटना के लिए कमलनाथ सरकार पर निशाना साधा है. पूर्व मंत्री और बीजेपी नेता विश्वास सारंग के मुताबिक मध्य प्रदेश में दलितों के उत्पीड़न की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं.
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सारंग ने कहा, “हाल में सागर में एक दलित युवक को ज़िंदा जला दिया गया. और अब हैंड पम्प से पानी लेने पर विवाद को लेकर वन अधिकारियों ने एक शख्स की गोली मार कर हत्या कर दी. ये अपने आप में दलितों की पीड़ा और राज्य सरकार के उनके प्रति रवैये को दर्शाता है .” बीजेपी ने मध्य प्रदेश विधानसभा के आगामी बजट सत्र में दलितों के उत्पीड़न को लेकर स्थगन प्रस्ताव लाने की बात कही है.