गुजरात के गांधीनगर के पुलिस भवन में इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) के ऑफिस में तैनात पुलिस इंस्पेक्टर अनिल जोधभाई परमार मंगलवार से लापता हैं. वो मंगलवार सुबह अपने परिवार वालों को यह कहकर घर से निकले थे कि वो ड्यूटी जा रहे हैं, लेकिन ऑफिस नहीं पहुंचे. उनका फोन भी स्विच ऑफ आ रहा है. इसको लेकर परमार के परिजन बेहद चिंतित हैं. अनिल परमार दलित समुदाय से आते हैं.
पुलिस इंस्पेक्टर परमार के परिवार वाले उनको खोज रहे हैं. इस बीच परिजनों को घर से एक चिट्ठी मिली है. दो पन्ने की इस चिट्ठी में अनिल परमार ने इंटेलिजेंस ब्यूरो के अपने उच्च अधिकारियों और दूसरे पुलिस अधिकारियों पर प्रताड़ित करने के सनसनीखेज आरोप लगाए हैं. उन्होंने चिट्ठी में जिन सीनियर पुलिस अधिकारियों पर मानसिक प्रताड़ना का आरोप लगाया है, उनमें एसपी हरिकृष्ण पटेल, आरजे सवानी और जूली कोठिया के नाम शामिल हैं.
परमार ने अपनी चिठ्ठी में लिखा, 'सीनियर अधिकारी शक्तियों का दुरुपयोग करते हैं और किसी की भी जिंदगी को बर्बाद कर देते हैं. आरजे सवानी और हरिकृष्ण पटेल साहब ने मेरी जिंदगी बर्बाद की है. मुझे बात-बात पर पुलिस के नियम कानून दिखाकर धमकाया जाता है. इतना ही नहीं, मुझे मानसिक तौर पर टॉर्चर किया जाता है. डिप्टी एसपी जूली कोठिया और नीति देसाई दोनों मुझे धमकाते हैं.'
पुलिस इंस्पेक्टर परमार ने आरोप लगाया, 'ऑफिस में हर कोई जीन्स पैंट पहनकर आता है, लेकिन अगर मैं जीन्स पैंट पहनकर आता हूं, तो मुझे धमकाया जाता है.' परमार ने कहा कि वो दलित समुदाय से आते हैं, जिसके चलते उनको प्रताड़ित किया जा रहा है. वहीं, अनिल जोधभाई परमार की चिट्ठी सामने आने के बाद से पूरे पुलिस खेमे में खलबली मच गई है. हालांकि इंटेलिजेंस ब्यूरो के सीनियर अधिकारियों ने आरोपों को सिरे से खारिज किया है. उन्होंने परमार को मानसिक तौर पर प्रताड़ित करने की बात से इनकार किया है.
आईबी के सीनियर अधिकारियों का कहना है कि दो बिल्डिंग कॉन्ट्रैक्टर के बीच पैसे के लेनदेन को लेकर अनिल परमार को डिपार्टमेंट के जरिए कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था. फिलहाल इस मामले में पुलिस इंस्पेक्टर अनिल परमार द्वारा लिखी चिठ्ठी की जांच की जा रही है. साथ ही उनकी तलाश की जा रही है.