प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के छत्तीसगढ़ दौरे से ठीक एक दिन पहले मंगलवार को बस्तर में एक बड़ा नक्सली नेता पुलिस के हत्थे चढ़ा है. पुलिस के मुताबिक, गिरफ्तार शख्स नक्सलियों के अर्बन नेटवर्क का मुख्य पदाधिकारी है. PM के दौरे से ठीक पहले हुई इस गिरफ्तारी के बाद खुफिया एजेंसियां सतर्क हो गई हैं.
बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी गुरुवार को रायपुर और भिलाई के दौरे पर जाने वाले हैं. प्रधानमंत्री के दौरे से ठीक पहले अभय के बस्तर पहुंचने को खुफिया एजेंसियां संदेह की नजर से देख रही हैं.
पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार अभव देवदास ने देश के करीब सभी बड़े महानगरों में नक्सली नेटवर्क स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. पुलिस ने बताया कि अभय बेंगलुरु का रहने वाला है और 14 से ज्यादा विदेश यात्राएं कर चुका है.
जानकारी के मुताबिक, अभय अंतरराष्ट्रीय मंचों पर नक्सलवाद के लिए समर्थन जुटाने का काम करता था. वह विदेशों में भारत में नक्सलवाद के मामलों को लेकर प्रेजेंटेशन भी देता रहा है. पुलिस को करीब डेढ़ साल से उसकी तलाश थी.
दिल्ली के IGI एयरपोर्ट पर इस शख्स की मौजूदगी की सूचना खुफिया एजेंसियों को मिली थी. लेकन जब तक पुलिस उसे IGI एयरपोर्ट से गिरफ्तार कर पाती, वह बस्तर के लिए रवाना हो चुका था. एयरपोर्ट के CCTV फुटेज से अभय के रायपुर जाने की सूचना मिली थी.
हालांकि पुलिस ने उसे जगदलपुर स्थित एक होटल से गिरफ्तार किया. बताया जाता है कि 2006 से अभय देवदास नक्सलियों के समर्थन में कई ब्लॉग और लेख लिखकर इस विचारधारा के प्रचार प्रसार में जुटा हुआ था.
पुलिस ने जब इस अभय का पासपोर्ट देखा तो उनकी आंखें फटी की फटी रह गईं. पुलिस ने बताया कि पासपोर्ट से पता लगा कि अभय लक्जमबर्ग, बेल्जियम, पेरिस, नीदरलैंड्स, इंग्लैंड, मैक्सिको, ग्वाटेमाला, इक्वेडोर, बोलीविया, कंबोडिया, सिंगापुर, इंडोनेशिया, रूस, नेपाल और चीन की यात्राएं कर चुका है.
पुलिस ने बताया कि अभय कई अंतर्राष्ट्रीय मंचों से भारत में नक्सलवाद विषय पर भारत सरकार के खिलाफ देशद्रोही वक्तव्य दे चुका है. अभय ने कर्नाटक के बेंगलुरु में पोस्ट ग्रेजुएट है. अपने करियर के शुरआती दौर में अभय कॉमरेड साकेत राजन से प्रभावित रहा.
कॉमरेड साकेत राजन की मृत्यु के पश्चात उसने बुद्धिजीवियों के बीच नक्सलवाद की विचारधारा को फैलाने का बीड़ा उठाया. बस्तर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक विवेकानंद सिन्हा के मुताबिक उसने'इंडिया माइक्रो फायनेंस' नाम से ब्लॉग लिखना शुरू कर दिया.
पुलिस ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय आतंकी संस्थाओं के बीच समन्वय स्थापित करने का भी काम करता था. उन्होंने बताया कि केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों को भी लंबे समय से अभय की तलाश थी.