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फर्जी दस्तावेजों पर सेना में भर्ती होने की कोशिश, जांच शुरू

कुछ संदिग्ध लोग भारतीय सेना में घुसपैठ करने की फिराक में हैं. इस बात का खुलासा खुद सेना ने देहरादून में कुछ लोगों के पकड़े जाने के बाद किया. सेना की खुफिया इकाई ने फर्जी दस्तावेजों के सहारे सेना में भर्ती होने आए 11 संदिग्धों को गिरफ्तार कर लिया.

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सेना में भर्ती को लेकर अब सावधानी बरती जा रही है (फाइल फोटो)
सेना में भर्ती को लेकर अब सावधानी बरती जा रही है (फाइल फोटो)

कुछ संदिग्ध लोग भारतीय सेना में घुसपैठ करने की फिराक में हैं. इस बात का खुलासा खुद सेना ने देहरादून में कुछ लोगों के पकड़े जाने के बाद किया. सेना की खुफिया इकाई ने फर्जी दस्तावेजों के सहारे सेना में भर्ती होने आए 11 संदिग्धों को गिरफ्तार कर लिया.

उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में इन दिनों सेना का भर्ती मेला चल रहा है. जिसमें देशभर से युवा आ रहे हैं. गुरुवार को सेना की खुफिया इकाई को सूचना मिली थी कि कुछ माओवादी सेना में भर्ती होने के लिए आ रहे हैं. इसी सूचना के आधार पर सेना ने ऐसे 11 युवकों को हिरासत में ले लिया जो नेपाली मूल के हैं. इन लोगों ने खुद को भारतीय नागरिक बताने के साथ साथ फर्जी दस्तावेज भी भर्ती अधिकारियों के समक्ष प्रस्तुत किए थे.

माओवादियों की सूचना मिलने के बाद भर्ती मेले में पहले दिन से ही आर्मी इंटेलीजेंस सक्रिय थी. देहरादून कैंट के महेन्द्रा मैदान में संदिग्ध नेपाली से दिखने वाले इन युवकों को सेना की खुफिया इकाई ने जब एक एक कर हिरासत में लिया तो इन्होंने भारतीय नागरिक होने के तमाम फर्जी दस्तावेज दिखाए.

भर्ती की कमान संभालने वाले कर्नल बी.एस. तलवार ने बताया कि नेपाली मूल के इन युवकों ने लखनऊ से जाली जाति प्रमाण पत्र और मूल निवास प्रमाण पत्र जैसे दस्तावेज बनवाएं हैं. इस काम के लिए लखनऊ निवासी बाबू राम ने इनसे 40 हजार रुपये प्रति व्यक्ति के हिसाब से पैसे लिए हैं. इस खुलासे के बाद आर्मी और पुलिस की टीम लखनऊ रवाना हो गयी है.

एसएसपी देहरादून डॉ. सदानंद दाते के मुताबिक नेपाली मूल के लोगों को भारतीय सेना में भर्ती करने के लिए सेना अलग से अभियान चलाती है. लेकिन इस खुलासे के बाद अभ्यार्थियों को लेकर सावधानी बरती जा रही है. इस संबंध में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है. मामले की छानबीन की जा रही है.

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