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कैसे गुजरी लॉकअप में सोमनाथ की पहली रात

दिल्ली के पूर्व कानून मंत्री और आप विधायक सोमनाथ भारती ने हर तरफ से निराश होकर 28 सितंबर की रात द्वारका थाने में सरेंडर कर दिया था. घरेलू हिंसा मामले में फरार चल रहे सोमनाथ की तलाश में पुलिस ने दिल्ली और आसपास के इलाकों में भी दबिश दी थी. सोमनाथ के लिए वह रात बड़ी लंबी रात थी. जब उन्हें पहली बार लॉकअप में रखा गया था.

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हवालात में आप विधायक भारती को हर रात भारी लग रही है
हवालात में आप विधायक भारती को हर रात भारी लग रही है

दिल्ली के पूर्व कानून मंत्री और आप विधायक सोमनाथ भारती ने हर तरफ से निराश होकर 28 सितंबर की रात द्वारका थाने में सरेंडर कर दिया था. घरेलू हिंसा मामले में फरार चल रहे सोमनाथ की तलाश में पुलिस ने दिल्ली और आसपास के इलाकों में भी दबिश दी थी. सोमनाथ के लिए वह रात बड़ी लंबी रात थी. जब उन्हें पहली बार लॉकअप में रखा गया था.

आप विधायक भारती सोमवार देर रात कार से द्वारका थाने पहुंचे थे. उनके हाथ में भारतीय संविधान की कॉपी थी. जैसे ही सोमनाथ थाने पहुंचे पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया. सरेंडर के बाद पुलिस की टीम सोमनाथ को लेकर मेडिकल चेकअप के लिए अस्पताल गई थी.

जैसे जैसे रात बीत रही थी. सोमनाथ भारती की बैचेनी बढ़ती जा रही थी. मेडिकल हो जाने के बाद अचानक पुलिस भारती को लेकर कहीं गायब हो गई थी. सूत्रों के हवाले से खबर मिली कि उनसे किसी अज्ञात स्थान पर पूछताछ की गई थी.

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रात में करीब पौने तीन बजे पुलिस भारती को लेकर वापस थाने लौट आई. और उन्हें थाने के लॉकअप में डाल दिया गया. अब सोमनाथ का परेशान होना लाजमी था. आराम की जिंदगी जीने वाले भारती ने कभी सोचा नहीं था कि कानून उन्हें भी हवालात में पहुंचा देगा.

उस रात वह हवालात में सलाखों के पीछे इधर से उधर घूमते रहे. सुबह के चार बज चुके थे. लेकिन सोमनाथ की आंखों में नींद नहीं थी. वह बस रात के बीत जाने के इंतजार कर रहे थे. वह थककर लेट तो गए थे मगर लगातार करवटें बदल रहे थे. सुबह तक यही होता रहा. उनका चेहरा उतर गया था. परेशानी उनके चेहरे पर साफ झलक रही थी. उनकी आंखे नींद को तलाश रही थी. मगर नींद थी कि भारती से कहीं दूर जा चुकी थी.

इसी तरह से वह रात बीत गई. शायद वह रात भारती के लिए सबसे लंबी और परेशानी वाली रात थी. अब सोमनाथ इसी तरह हर रात गुजार रहे हैं. उनके लिए यहां की हर रात आम रातों से बड़ी है. वह उस पल का इंतजार कर रहे हैं. जब उन्हें इस कैद से मुक्ति मिलेगी. उनकी निगाहें सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर लगी हैं. जो अब सोमवार को उनके मामले में सुनवाई करेगी.

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