दिल्ली के युवक अर्नव दुग्गल की मौत आत्महत्या नहीं बल्कि मर्डर थी. कोर्ट ने इस केस को हत्या मानते हुए दिल्ली क्राइम ब्रांच को इसकी जांच करने का फरमान सुनाया है. इससे पहले मामले की जांच कर रही दिल्ली पुलिस ने इसे आत्महत्या का मामला बताया था.
कोर्ट के इस आदेश से परिवार के लिए अब दोबारा आस बंधी है. दरसअल, पुलिस ने इस केस को शुरुआत में सुसाइड का मामला बताया था. इसी आधार पर जांच पूरी की गई. लेकिन मृतक का परिवार जांच से संतुष्ट नहीं था. लिहाजा उस परिवार ने अदालत का दरवाजा खटखटाया.
जिस पर सुनवाई करने के बाद कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया. कोर्ट ने इस सिलसिले में क्राइम ब्रांच को मर्डर केस रजिस्टर करने का फरमान सुना दिया. इसके बाद दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच हरकत में आ गई. और अर्नव दुग्गल की मौत का मामला मर्डर के रूप में दर्ज कर जांच शुरु कर दी.
बताते चलें कि पिछले साल 13 जून को दिल्ली के द्वारका सेक्टर 10 में शकुंतलम अपार्टमेंट में अर्नव अपनी दोस्त मेघा तिवारी के फ्लैट में मृत पाया गया था. अरनव पटेल नगर में रहता था. वह मैनेजमेंट कोर्स करने के साथ-साथ आईटीसी होटल में जॉब कर रहा था. उसकी मां टीचर है.
अरनव की फैमिली ने सुसाइड पर सवाल उठाते हुए कहा था कि उनकी बेटे की हाइट 6 फीट थी. वजन 80 किलो था. बेड से पंखे की ऊंचाई करीब 5 फीट थी. अकेली लड़की कपड़े को काटकर हट्टे-कट्टे इंसान को कैसे नीचे उतार सकती है. उनका यह भी कहना था कि मेघा के पिता ने उस पंखे को भी बेच दिया, जबकि केस प्रॉपर्टी होने के नाते उसे बेचा नहीं जा सकता है.
परिजनों के मुताबिक जिस तरह से अर्नव दुग्गल की गर्दन पर निशान थे, वह सुसाइड की कंडीशन में नहीं आ सकते. इन बातों को कोर्ट ने भी माना और अपने ऑर्डर में इन बातों का जिक्र किया. बहरहाल दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने मामला दर्ज कर छानबीन शुरु कर दी है.