राजधानी में रविवार 16 दिसंबर की रात जिस बस में छात्रा के साथ सामूहिक बलात्कार और बुरी तरह मार-पीट की घटना हुई उस बस के मालिक को पुलिस ने बुधवार को फर्जी दस्तावेजों पर बस का पंजीकरण करवाने के मामले में गिरफ्तार किया है.
वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि बस के मालिक दिनेश यादव को गिरफ्तार कर लिया गया है. उन्होंने बताया कि 35 वर्षीय यादव को बुधवार सुबह नोएडा सेक्टर 62 के निकट रसूलपुर नवादा गांव स्थित उसके घर से हिरासत में लिया गया. उसे शाम को गिरफ्तार किया गया. जांचकर्ताओं ने मंगलवार को बस के मालिक के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया था.
बस के कर्मचारियों और उनके मित्रों ने करीब एक पखवाड़ा पहले 23 वर्षीय पैरा-मेडिकल छात्रा के साथ सामूहिक बलात्कार कर उसे और उसके मित्र को बुरी तरह मारा था. छात्रा की मौत हो गई है. दिल्ली पुलिस इस मामले में गुरुवार को आरोपपत्र दाखिल करने वाली है. बस मालिक यादव ने बस को परिवहन प्राधिकार के पास पंजीकृत कराने के लिए अपने निवास स्थान के बारे में फर्जी हलफनामा दिया था.
जांच के दौरान धोखाधड़ी सामने आने के बाद जांचकर्ताओं ने यादव के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धाराओं 420 (धोखाधड़ी) और 181 (सरकारी कर्मचारी को फर्जी हलफनामा देना) के तहत मामला दर्ज किया है. यादव पर बस को पंजीकृत कराने और परमिट पाने के लिए राज्य परिवहन प्राधिकार को फर्जी सूचनाएं देने का आरोप है. सामूहिक बलात्कार-हत्या के मामले में जांच के दौरान पुलिस ने बस मालिक के पते की जांच की थी. इसी दौरान पता चला कि यादव के नाम पर 11 बसें पंजीकृत हैं और पंजीकरण में उसका पता मकान संख्या 11/11, गली नंबर 12, कमाल पुर, बुराड़ी दिल्ली, दिया हुआ है.
पुलिस अधिकारी ने बताया, ‘जिस बस में सामूहिक बलात्कार की घटना हुई वह पंजीकरण के समय गलत सूचना देकर पंजीकृत करायी गई है. बस मालिक ने निवास प्रमाण के तौर पर बैंक ऑफ बड़ौदा की पासबुक और ड्राइविंग लाइसेंस दिया था.’ अधिकारी ने बताया, ‘हालांकि उस पते वाले मकान के मालिक अनंत गोपाल के अनुसार, यादव कभी भी इस पते पर नहीं रहा है. यादव ने इस पते पर निवास करने के संबंध में फर्जी हलफनामा दायर किया था.’ परिवहन विभाग की जांच और जांच अधिकारी की रिपोर्ट के आधार पर मामला दर्ज किया गया है.