देश की राजधानी में रविवार रात को हुए वीभत्स गैंगरेप घटना से पूरा देश गुस्से में उबल रहा है. दिल्ली में शुक्रवार को महिलाओं और छात्राओं ने राष्ट्रपति भवन के बाहर इस घटना के विरोध में प्रदर्शन किया.
एआईडीडब्लूए, वाईडब्लूसीए और जेएनयूएसयू के नेतृत्व में इन छात्र-छात्राओं और महिला कार्यकर्ताओं ने राजपथ से अपना मार्च शुरू किया और विजय चौक पहुंचे. इसके बाद उन्होंने रायसीना हिल्स का रुख किया जहां प्रवेश द्वार पर लगे अवरोधक को पार कर वे राष्ट्रपति भवन तथा साउथ और नॉर्थ ब्लॉक की ओर बढ़ने लगे.
पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को राष्ट्रपति भवन के पास रोक दिया. तख्तियों के साथ नारेबाजी कर रहे प्रदर्शनकारी बलात्कारियों के खिलाफ कड़ी सजा की मांग कर रहे थे.
दो दिन पहले ही इसी तरह के एक प्रदर्शन में करीब 200 लोग नॉर्थ ब्लॉक के पास इकट्ठा हुए थे. गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे के जेएनयूएसयू के प्रतिनिधियों से मुलाकात के आश्वासन के बाद ही वे वहां से गए.
स्वाति नाम की एक लड़की राष्ट्रपति भवन के समीप जाने में सफल रही लेकिन बाद में उसे पकड़ लिया गया. उसने बताया, ‘उन्होंने हमें कहा कि हमें अंदर जाने के लिए पहले इजाजत लेनी होगी, लेकिन हम इजाजत क्यों लें? जब हम पर हमला किया जाता है हमें परेशान किया जाता है, तब कोई भी इजाजत लेना जरूरी नहीं समझता. हम यहां अपनी आवाज उठाने आए हैं और इसके लिए क्या हमें इजाजत की आवश्यतकता है.’
रायसीना हिल्स के बाद प्रदर्शनकारियों ने बाद में इंडिया गेट की तरफ मार्च किया. कुछ लोगों के समूह ने सफदरजंग अस्पताल के बाहर प्रदर्शन किया और कुछ देर के लिए यातायात बाधित किया. प्रदर्शनकारी पीड़ित को त्वरित न्याय दिलाने की मांग कर रहे थे.