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दिल्‍ली गैंगरेप: पूरे देश में गुस्‍सा और आक्रोश!

पैरामेडिकल छात्रा से गैंगरेप और बर्बरता की घटना के चलते तीव्र जनाक्रोश के बाद पुलिस गश्त बढ़ाने, ऐसे मामलों से निपटने के लिए पांच त्वरित अदालतों के गठन तथा इस कांड की जांच पर नजर रखने के लिए दिल्ली उच्च न्यायालय के आगे आने समेत कई कदमों की घोषणा हुई.

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पैरामेडिकल छात्रा से गैंगरेप और बर्बरता की घटना के चलते तीव्र जनाक्रोश के बाद पुलिस गश्त बढ़ाने, ऐसे मामलों से निपटने के लिए पांच त्वरित अदालतों के गठन तथा इस कांड की जांच पर नजर रखने के लिए दिल्ली उच्च न्यायालय के आगे आने समेत कई कदमों की घोषणा हुई.

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प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने इस घटना को बेहद ही परेशान करने वाली वारदात करार दिया. इस मामले के पांचवें आरोपी को बिहार से गिरफ्तार किया गया और उसे दिल्ली लाया जा रहा है. पुलिस छठे आरोपी राजू (बस खलासी) को ढूंढ़ने में जुटी है.

गौरतलब है कि रविवार की रात को एक चलती बस में 23 वर्षीय एक लड़की से बर्बर तरीके से गैंगरेप किया गया. बुधवार को उसका सफदरजंग अस्पताल में पांचवां ऑपरेशन किया गया. डॉक्टरों ने कहा कि उसकी हालत स्थिर लेकिन गंभीर बनी हुई है.

डाक्टरों को उसके पेट का ऑपरेशन कर उसकी छोटी आंत निकालनी पड़ी जो बिल्कुल क्षत विक्षत थी. उसकी आंत का अधिकतर हिस्सा अब नहीं रहा है. लड़की वेंटिलेटर पर है.

दिल्ली पुलिस ने छह आरोपियों के खिलाफ हत्या के प्रयास एवं सबूत नष्ट करने का मामला भी दर्ज किया है. इस घटना का संज्ञान लेते हुए दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को निर्णय किया कि वह इसकी जांच की निगरानी करेगा.

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उसने पुलिस को निर्देश दिया कि इसकी ‘उच्च मापदंड वाली’ जांच करे और अदालत के कहने के बाद ही वह इसमें आरोपपत्र दायर करे. अदालत ने कहा, ‘कोई भी सुरक्षित नहीं’ है. उसने यह कहते हुए पुलिस की खिंचाई की कि इस तरह के मामले महानगर में लगातार होते हैं.

मुख्य न्यायाधीश डी. मुरुगेशन की अगुवाई वाली पीठ ने दिल्ली पुलिस से पूछा कि किस तरह काले शीशे लगी बस व्यस्त सड़क पर 40 मिनट तक दौड़ती रही और यौन हमले का पता तक नहीं चला.

पीठ ने दिल्ली पुलिस के आयुक्त नीरज कुमार से दो दिनों के अंदर स्थिति रिपोर्ट पेश करने को कहा जिसमें विस्तृत ब्यौरा हो. स्तब्ध करने वाली इस घटना की गूंज बुधवार को भी संसद में सुनायी दी. सरकार ने पुलिस गश्त बढ़ाने, काले शीले वाले वाहनों पर तत्काल कार्रवाई करने, असत्यापित ड्राइवरों द्वारा चलाई जाने वाली बसों एवं तिपहियों को जब्त करने की घोषणा की.

केंद्रीय गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे ने कहा कि दिल्ली में चलने वाली बसों समेत सभी वाणिज्यिक वाहनों को रात के समय अंदर की लाइट जलाकर चलने को कहा जाएगा.

अधिकारियों के अनुसार उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार ने दिल्ली सरकार को बताया कि महिलाओं के खिलाफ यौन हिंसा के ऐसे मामलों से निपटने के लिए पांच त्वरित अदालत तत्काल चलाने की उसकी सिफारिश मान ली गयी है.

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इस कांड को लेकर प्रधानमंत्री से मिलने गयी महिला सांसदों के प्रतिनिधिमंडल से मनमोहन सिंह ने कहा, ‘यह घृणित अपराध है. यह बेहद परेशान कर देने वाली घटना है.’ संसद में गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे ने कहा कि दिल्ली पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 307 (हत्या के प्रयास) तथा धारा 201 (सबूत नष्ट करने का प्रयास) भी लगाई हैं.

पुलिस ने पहले उनके खिलाफ आईपीसी की धारा 365 (अपहरण), धारा 376 (2) (जी) (गैंगरेप), 377 (अप्राकृतिक अपराध), 394 (डकैती के दौरान चोट पहुंचाना) तथा धारा 34 (साझे इरादे) लगाई थीं.

संसद के दोनों सदनों में शिंदे ने कहा कि जीपीएस प्रणाली सुविधा से लैस और वाहन उपलब्ध कराकर दिल्ली पुलिस के पीसीआर बेड़े को बढ़ाने का फैसला किया गया है.

दिल्ली पुलिस आयुक्त नीरज कुमार के साथ समीक्षा बैठक के बाद मंत्री ने कहा कि काले शीशे एवं पर्दे वाली बसों पर तत्काल कार्रवाई होगी एवं ऐसे सभी वाहन जब्त कर लिए जाएंगे. दिल्ली में बसों समेत सभी वाणिज्यिक वाहनों को रात में चलते समय भीतर की लाइट जलाकर रखने को कहा जाएगा.

शिंदे ने कहा, ‘ड्यूटी खत्म कर चुकी सभी बसें उनके मालिकों के यहां खड़ी होनी चाहिए, न कि ड्राइवर या अन्य स्टाफ के यहां.' उन्होंने कहा कि अनुबंध तथा परमिट की किसी भी शर्तों का उल्लंघन किए जाने पर वाणिज्यिक वाहनों और बसों को जब्त कर लिया जाएगा और उनके परमिट रद्द कर दिए जाएंगे.

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उन्होंने कहा कि पुलिस सभी सार्वजनिक वाहनों के ड्राइवरों एवं स्टाफ का सत्यापन करेगी एवं असत्यापित स्टाफ या ड्राइवरों द्वारा चलाई जा रही बसें एवं ऑटो जब्त कर लिए जाएंगे.

गैंगरेप की इस बर्बर घटना को लेकर देश भर में विरोध प्रदर्शन हुए. दिल्ली विरोध प्रदर्शनों का केंद्र रही और यहां इंडिया गेट, जंतर मंतर, मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के घर, पुलिस मुख्यालय समेत कई जगहों पर जोरदार विरोध प्रदर्शन हुए.

शीला दीक्षित के घर के बाहर प्रदर्शन कर रहे लोगों द्वारा पुलिस के बैरिकेड को गिराने की कोशिश के बाद पुलिस ने उन्हें तितर बितर करने के लिए पानी की बौछार की.

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