scorecardresearch
 

कांस्टेबल सुभाष तोमर की मौत बनी पहेली!

दिल्ली पुलिस के कांस्टेबल सुभाष तोमर की मौत पर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है. दो चश्मदीद और आरएमएल अस्पताल के डॉक्टर ने दावा किया कि कांस्टेबल के जिस्म पर गंभीर चोट के निशान नहीं थे. लेकिन, दिल्ली पुलिस ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर दावा किया कांस्टेबल की मौत चोट से ही हुई है.

Advertisement
X

दिल्ली पुलिस के कांस्टेबल सुभाष तोमर की मौत पर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है. दो चश्मदीद और आरएमएल अस्पताल के डॉक्टर ने दावा किया कि कांस्टेबल के जिस्म पर गंभीर चोट के निशान नहीं थे. लेकिन, दिल्ली पुलिस ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर दावा किया कांस्टेबल की मौत चोट से ही हुई है.

Advertisement

मंगलवार को दिल्ली पुलिस के कमिश्नर नीरज कुमार ने बयान दिया था कि कांस्टेबल सुभाष तोमर की दंगे में मौत हुई थी.

वहीं कांस्टेबल का इलाज करने वाले डॉक्टर का बयान आया कि उनकी मौत कार्डिएक अरेस्ट से हुआ. वहीं एक चश्मदीद ने दिल्ली पुलिस के दावों को खारिज करते हुए कहा कि सुभाष तोमर को किसी ने पत्थर नहीं मारा.

दिल्ली के विवेक विहार के एसडीएम के दावे से पहले से ही आरोपों की घिरी दिल्ली पुलिस अब इस विवाद में फंस गई है. इस बार विवाद ऐसा है जिसने दिल्ली पुलिस की साख पर ही सवाल उठा दिए हैं.

दिल्ली पुलिस के कप्तान नीरज कुमार ने डॉक्टर के हवाले से दावा किया था कि कांस्टेबल तोमर की चोट से मौत हुई थी. उनका ये भी दावा है कि ये चोटें रविवार को इंडिया गेट पर गैंग रेप के खिलाफ प्रदर्शन करने आए उपद्रवी भीड़ ने पहुंचाई थी. लेकिन, दिल्ली के राममनोहर लोहिया अस्पताल के डॉक्टर, जिन्होंने कांस्टेबल तोमर का इलाज किया था, वो खुद इस पर सवाल उठा रहे हैं.

Advertisement

राममनोहर लोहिया अस्पताल के मेडिकल सुपरिटेंडेंज डॉ. टीएस सिद्धू ने बयान दिया कि सुभाष तोमर टोटल कोलेप्स स्टेज में आए थे. नब्ज नहीं था. रिवाइव कर वेंटिलेटर पर डाला. जब आए तो कार्डिएक अरेस्ट हो चुका था. घुटने पर चेस्ट में ब्रूजिंग थी और कोई गंभीर अंदरूनी चोट नहीं थी.

कांस्टेबल सुभाष चंद्र तोमर की मौत को लेकर चश्मदीदों और राममनोहर लोहिया अस्पताल के डॉक्टर के बयान पर दिल्ली के पुलिस कमिश्नर के दावे पर सवाल उठे तो शाम होते-होते पुलिस पोस्टमार्टम रिपोर्ट के साथ सामने आ गई.

पोस्टमार्टम रिपोर्ट में लगभग वही बातें कहीं गई हैं जो दावा मंगलवार को पुलिस कमिश्नर नीरज कुमार ने किया था.

रिपोर्ट के मुताबिक कांस्टेबल तोमर को किसी भारी चीज से गर्दन और सीने पर चोट लगी थी और हो सकता है कि चोट की वजह से ही उन्हें दिल का दौरा पड़ा हो.

पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक कांस्टेबल तोमर की पसली में फ्रैक्चर था. उनके सीने के बाएं हिस्से, दायीं बांह के ऊपरी हिस्से में चोट के निशान थे. शरीर में जगह-जगह खरोंचें भी थीं. सीने के दाएं हिस्से, हाथ के पीछे और कोहनी पर लाल निशान थे.

लेकिन सूत्रों के मुताबिक राममनोहर लोहिया अस्पताल के उच्चाधिकारियों का दावा किय़ा है कि उनके डॉक्टरों ने कांस्टेबल के जिस्म पर चोट के कोई निशान नहीं देखे. कांस्टेबल की मौत दिल का दौरा पड़ने से ही हुई है ना कि चोट से.

Advertisement

साफ है बयानों में अभी भी विरोधाभास है. ऐसे में किसे सच माना जाए और किसे झूठ?

Advertisement
Advertisement