दिल्ली हाई कोर्ट में पुलिस ने कहा कि जिस तरह से वकीलों की गिरफ्तारी पर रोक लगाई गई है, उसी तरह पुलिसकर्मी की गिरफ्तारी नहीं की जानी चाहिए. दिल्ली हाई कोर्ट को वकीलों की तरह पुलिसकर्मियों को भी गिरफ्तारी से प्रोटेक्शन देनी चाहिए.
दिल्ली की सभी जिला अदालतों के वकील पिछले 9 दिनों से उन पुलिसकर्मियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर हड़ताल कर रहे है, जिन्होंने 2 नवंबर को तीस हजारी कोर्ट में वकीलों पर गोली चलाई थी और हिंसा में शामिल थे.
वकीलों ने इस बात की भी घोषणा की है कि वो तीस हजारी कोर्ट में हुई हिंसा और पुलिसकर्मियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर 20 नवंबर को संसद का भी घेराव करेंगे. वकीलों का कहना है कि जब तक पुलिसकर्मियों की गिरफ्तारी नहीं होती है, तब तक उनकी हड़ताल ऐसे ही जारी रहेगी.
दिल्ली की सभी जिला अदालतों के वकील चार नवंबर से हड़ताल पर हैं. वकीलों ने कहा है कि उनकी हड़ताल पुलिसवालों की गिरफ्तारी के बिना खत्म नहीं होगी. हालांकि इस मामले में बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने साफ कर दिया है कि वकीलों को अपनी हड़ताल वापस लेकर काम पर लौटना चाहिए, क्योंकि हाई कोर्ट पहले ही इस मामले में न्यायिक जांच के आदेश दे चुका है, जिसकी रिपोर्ट 6 हफ्ते में आ जाएगी.