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दिल्ली लूटः कम सैलरी और ड्यूटी के वक्त से परेशान था ड्राइवर प्रदीप शुक्ला

एटीएम कैश वैन से साढ़े 22 करोड़ रुपये लूटने वाला ड्राइवर प्रदीप शुक्ला अपने काम से खुश नहीं था. गिरफ्तारी के बाद उसने पुलिस को बताया कि वह कम सैलरी और अपने ड्यूटी टाइम से परेशान चल रहा था. पुलिस ने बीती देर रात ही उसे दिल्ली के ओखला से गिरफ्तार किया था.

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आरोपी प्रदीप शुक्ला रकम के साथ पकड़ा गया
आरोपी प्रदीप शुक्ला रकम के साथ पकड़ा गया

एटीएम कैश वैन से साढ़े 22 करोड़ रुपये लूटने वाला ड्राइवर प्रदीप शुक्ला अपने काम से खुश नहीं था. गिरफ्तारी के बाद उसने पुलिस को बताया कि वह कम सैलरी और अपने ड्यूटी टाइम से परेशान चल रहा था. पुलिस ने बीती देर रात ही उसे दिल्ली के ओखला से गिरफ्तार किया था.

पूरी वारदात को अकेले अंजाम दिया
बैंक की कैश वैन चलाने वाले प्रदीप ने लूट की इस सबसे बड़ी वारदात को अकेले ही अंजाम दिया था. उसने खुद ही सारा प्लान बनाया और पैसे को गोदाम में छिपाकर आया. आगे भी वह अकेले ही इस पैसे को लेकर भाग जाना चाहता था. इस घटना में अभी तक किसी और के शामिल होने की बात सामने नहीं आई है.

यूपी का रहने वाला है प्रदीप
कैश वैन को लेकर भागने वाला प्रदीप शुक्ला मूल रूप से उत्तर प्रदेश के बलिया जिले का रहने वाला है. वह एक ऐसे परिवार से है, जो ज्यादा संपन्न नहीं है. इसलिए वह दिल्ली में आकर एक बैंक में कैश वैन चलाने का काम करने लगा था. फिलहाल, वह अपने परिवार के साथ साउथ दिल्ली के हरकेश नगर में रहता है.

कैसे हुई वारदात
बैंक की कैश वैन का गनमैन विनय पटेल और आरोपी प्रदीप दोनों वैन लेकर दक्षिणी दिल्ली के गोविंदपुरी मेट्रो स्टेशन की तरफ एटीएम में पैसा डालने आए थे. इसी दौरान गनमैन विनय ने कहा कि उसे टॉयलेट जाना है. प्रदीप ने गनमैन को ओखला सब्जी मंडी के पास उतार दिया. और वैन लेकर आगे बढ़ गया. गनमैन ने उसे तुरंत फोन लगाया तो प्रदीप ने उसे कहा कि ट्रेफिक ज्यादा है इसलिए वो आगे जा रहा है. और वह वैन लेकर फरार हो गया.

ओखला मंडी के पास गोदाम में छिपाई रकम
प्रदीप वहां से वैन लेकर ओखला मंडी के पास ही पुराने मर्सीडीज शोरूम के पीछे एक गोदाम में पहुंचा. वहां मौजूद बुजुर्ग चौकीदार राम सूरत को उसने कहा कि कुछ सामान रखना है, सुबह ले जाऊंगा. चौकीदार ने हामी भर दी और प्रदीप ने रूपये से भरे बक्से वहीं गोदाम में छिपा दिए.

वैन को वापस मेट्रो स्टेशन पर छोड़ा
एटीएम कैश वैन से रकम निकालकर छिपाने के बाद प्रदीप वैन लेकर वापस गोविंदपुरी मेट्रो स्टेशन पर पहुंचा और वहां वैन छोड़कर निकल गया. उसके फौरन बाद वह वापस गोदाम की तरफ चला गया. इस दौरान गनमैन ने इस बारे में बैंक और सुरक्षा कंपनी को सूचना दे दी थी.

बैंक कैश से पैसा निकालकर की शॉपिंग
ड्राइवर प्रदीप शुक्ला वैन को मेट्रो स्टेशन के पास छोड़कर वापस गोदाम की तरफ आया. उसने वहां छिपाई रकम से 11 हजाप रुपये निकाले और बाज़ार पहुंच गया. वहां जाकर उसने अपने लिए एक घड़ी और नए कपड़े खरीदे. शोपिंग करने के बाद प्रदीप वापस गोदाम की तरफ आ गया. और वह खुद भी उसी गोदाम में सो गया जहां उसने पैसा छिपाया था.

देर रात पकड़ा गया प्रदीप
पुलिस इस लूट की वारदात को लेकर पूरी तरह हरकत में आ चुकी थी. पुलिस ने गोविंदपुरी मेट्रो स्टेशन के पास से कैन वैन भी बरामद कर ली थी. वैन में जीपीएस लगा था. जिससे पुलिस को पता चल गया था कि वैन कहां कहां गई. लिहाजा पुलिस ने ओखला सब्जी मंडी और आस पास के इलाकों में छानबीन शुरु की. और देर रात गोदाम पर छापा मार कर प्रदीप को गिरफ्तार कर लिया गया. लूट की रकम भी वहां से बरामद हो गई.

चौकीदार की भूमिका
पुलिस ने जिस गोदाम से प्रदीप को गिरफ्तार कर पैसा बरामद किया. उसके बुजुर्ग चौकीदार राम सूरत से भी पूछताछ की गई. लेकिन अभी तक पुलिस को उस चौकीदार के इस वारदात में शामिल होने का कोई सुराग नहीं मिला है.

लूट की टाइम लाइन
बैंक रिकार्ड के मुताबिक 2 बजकर 30 मिनट पर वैन विकासपुरी से चली थी. वैन में ड्राइवर प्रदीप शुक्ला और गनमैन विनय पटेल सवार थे. दस्तावेजों में दर्ज रिकार्ड के मुताबिक वैन में दस करोड़ रूपये थे लेकिन हकीकत में साढ़े 22 करोड़ रूपया वैन में मौजूद था. 3 बजकर 42 मिनट पर गनमैन टॉयलेट के लिए वैन से उतरा. उसी वक्त प्रदीप वैन लेकर फरार हुआ. 4 बजकर 7 मिनट पर प्रदीप वैन लेकर गोदाम में पहुंचा. और रकम वहां छिपाई. 5 बजकर 48 मिनट पर पुलिस पीसीआर को लूट की सूचना दी गई. उसके कुछ देर बाद कंपनी के मैनेजर दिनेश ने ओखला थाने में शिकायत दर्ज कराई. 27 नवंबर की अल सुबह आरोपी गिरफ्तार हुआ. रकम बरामद हुई.

पहले भी वैन लेकर भागा था प्रदीप
पुलिस सूत्रों की माने तो आरोपी ड्राइवर एक बार पहले भी कैश वैन लेकर भाग चुका है. लेकिन तब वह वैन लेकर कंपनी वापस पहुंच गया था. यह मामला कुछ माह पहले जीके-1 के जमरूदपुर का है. जहां झगड़े के बाद वैन के गनमैन ने एक आदमी को गोली मार दी थी. और वैन का ड्राइवर वैन लेकर भाग गया था. वह ड्राइवर प्रदीप शुक्ला ही था. लेकिन तब वह वैन को सुरक्षित लेकर कंपनी पहुंच गया था.

पहले भी दिल्ली में हुई हैं इस तरह की घटनाएं
राजधानी दिल्ली में कैश वैन लूट की यह वारदात पहली बार नहीं है. इससे पहले भी कई बार ऐसी घटनाएं दिल्ली में होती रही हैं. जिनमें बैंक कैश वैन को लूट लिया गया या फिर वैन स्टॉफ या सुरक्षाकर्मी ही पैला लेकर भाग निकले. नजर डालते हैं कुछ खास घटनाओं पर-

29 नवंबर 2014
दिल्ली के कमला नगर इलाक़े में एटीएम कैश वैन से बदमाशों ने डेढ़ करोड़ रुपये लूट लिए थे. साथ ही वैन में सवार गार्ड को बदमाशों ने गोली मार दी थी. बदमाशों ने गार्ड के सिर में दो गोलियां मारी थी. यह घटना बंगला रोड पर सिटी बैंक के एटीएम के पास हुई थी. जिसे दो बाइक सवार बदमाशों ने अंजाम दिया था.

25 सितंबर 2013
दिल्ली में बैंक कैश वैन चालक संजय 54 लाख रुपये लेकर फरार हो गया था. वह कैश मैनेजमेंट सर्विस (सीएमएस) में काम करता था. यह वारदात सेंट्रल दिल्ली के भीड़भाड़ वाले इलाके करोल बाग में हुई थी. जहां उसके अन्य साथी एक एटीएम में पैसा डाल रहे थे. तभी संजय वहां से रकम लेकर भाग गया था.

28 सितंबर 2012
दिल्ली के डिफेंस कॉलोनी इलाके में चार लुटेरों ने आईसीआईसीआई बैंक के गार्ड को गोली मारकर कैश वैन लूट ली थी. बदमाश कैश वैन को लेकर फरार हो गए थे. वैन में पांच करोड़ रुपये की रकम थी. बाद में लुटेरे खाली वैन को मालवीय नगर के हौज रानी इलाके में छोड़ कर भाग गए थे. कुछ दिन बाद चार लूटेरों को पकड़ लिया गया था. और उनके पास दो करोड़ से ज्यादा की नकदी भी बरामद कर ली गई थी.

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