scorecardresearch
 

दिल्ली मेट्रो में जेबकतरों की शामत, सादी वर्दी में घूम रही है पुलिस

दिल्ली मेट्रो में बढ़ते क्राइम को रोकने के लिए एक विशेष पुलिस बल का गठन किया गया है. यह टीम मेट्रो प्लेटफॉर्म और ट्रेनों में घूम रहे संदिग्ध तत्वों की पहचान करेगी और वारदात होने से पहले उन्हें गिरफ्तार करने की कोशिश करेगी.

Advertisement
X
महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराध पर भी नकेल
महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराध पर भी नकेल

Advertisement

दिल्ली मेट्रो में बढ़ते क्राइम को रोकने के लिए एक विशेष पुलिस बल का गठन किया गया है. यह पुलिस टीम मेट्रो प्लेटफॉर्म और ट्रेनों में घूम रहे संदिग्ध तत्वों की पहचान करेगी और वारदात होने से पहले उन्हें गिरफ्तार करने की कोशिश करेगी. पुलिस उपायुक्त (दिल्ली मेट्रो) दीपक गौरी ने इस टीम का गठन किया है.

एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि एक हेडकांस्टेबल और चार कांस्टेबल की टीम मेट्रो परिसरों में घूम रही है. इस टीम की नजर जेबकतरों और आपराधिक तत्वों पर है. वे मेट्रो परिसर में महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों को रोकने की दिशा में भी काम कर रहे हैं. टीम के सदस्य सादी वर्दी में भी होते हैं.

बताते चलें कि मेट्रो की सुरक्षा की जिम्मेदारी सीआईएसएफ के पास है. पिछले साल CISF ने एक आंकड़ा जारी किया था, जिसने हर किसी को चौंका दिया था. इसके मुताबिक, मेट्रो परिसर से कुल 521 पॉकेटमारों को गिरफ्तार किया गया था. इसमें से 401 महिलाएं (77 फीसदी) थीं. 148 पॉकेटमारों को यात्रियों की मदद से पकड़ा गया था.

Advertisement

सीआईएसएफ के मुताबिक, उनकी स्पेशल टीम मेट्रो की हर लाइन पर चोरी रोकने के लिए अभियान चलाती रहती है. सबसे ज्यादा पॉकेट मारी की घटनाएं चांदनी चौक, शाहदरा, हुडा सिटी सेंटर, कीर्ति नगर, नई दिल्ली और तुगलकाबाद में होती हैं. महिला पॉकेट मार गैंग में काम करते हैं और अधिकतर अपने साथ बच्चों को लेकर चलते हैं.

पिछले साल दिल्ली मेट्रो ने सजग यात्रियों को सम्मानित किया था. इन लोगों की हिम्मत की वजह से कई पॉकेटमार पकड़े गए थे. मेट्रो ने इसके लिए कई कार्यक्रम भी आयोजित किया. ताकि लोगों को जागरूक किया जा सके. ऐसे में लोग मेट्रो में हो रहे अपराध को नजरअंदाज न करें और पुलिस की मदद करने के लिए आगे आएं.

एक पॉकेटमार को पकड़ने वाले एक यात्री ने अपना अनुभव साझा किया था. उन्होंने बताया, 'राजीव चौक मेट्रो स्टेशन पर पहली बार मेरे साथ ऐसी घटना हुई. मुझे लगा कि कोई मेरी जेब में हाथ डालने की कोशिश कर रहा है. जब दूसरी बार लगा कि कोई मेरी जेब को छू रहा है तो मैंने उसे पर्स निकालते हुए रंगे हाथों पकड़ लिया.'

Advertisement
Advertisement