देश की राजधानी दिल्ली में एक बार फिर अफ्रीकी नागरिकों को निशाना बनाया गया. तंजानिया की चार महिलाओं और दो नाइजीरियाई पुरुषों पर द्वारका में हमला किया गया है. अफ्रीकी नागरिकों पर हमला नरभक्षी होने के शक में हुआ है. हालांकि पुलिस ने सभी को बचा लिया.
यह मामला बुधवार का है, जब 200 से 250 लोग एक मकान के बाहर जमा हो गए जहां तंजानियां की महिलाएं रहती हैं. इन लोगों ने तंजानिया की महिलाओं से मारपीट की.
पुलिस को शाम सात बजे से साढ़े सात बजे के बीच द्वारका के ककरौला इलाके से पांच कॉल्स मिलीं. पुलिस जब मौके पर पहुंची तो एक घर को घेरकर करीब दो से ढाई सौ लोग खड़े थे. इलाके से एक लड़का लापता हो गया था. तभी किसी ने अफवाह उड़ा दी कि इलाके में रहने वाले कुछ नाइजीरियन और तंजानिया के लोगों ने उसे अगवा कर लिया है. लड़के का गायब हुआ फोन इन नाइजीरियन लोगों के पास से मिला तो लोगों का गुस्सा और भड़क गया.
पुलिस ने छह लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया. बताया जाता है कि उनमें से एक विदेशी नागरिक के पास भारत का वीजा नहीं था. पुलिस ने विदेशी नागरिकों के घर की छानबीन की, लेकिन वहां लापता लड़का नहीं मिला.
मामला विदेशी नागरिकों से जुड़ा था, इसलिए पुलिस ने भी काफी संवेदनशीलता बरती. अब पुलिस मामले की गहराई से छानबीन कर रही है कि इलाके में अफवाह उड़ाने के लिए जिम्मेदार कौन शरारती लोग हैं.
इलाके के लोगों का कहना है कि यहां रह रहे विदेशी गैर कानूनी काम करते हैं.और जिस घर में यह रह रहे थे वो दिल्ली पुलिस के एक कर्मचारी का है.
लोगों का कहना है कि यहां विदेशी लोगों ने पहले भी उत्पात मचाया है. फिलहाल पुलिस ने इस मामले में कोई केस तो नहीं दर्ज किया है लेकिन वो मामले की जांच कर रही है.
पुलिस का कहना है कि विदेशी नागरिकों की सुरक्षा के लिए सभी 6 जिनमें दो महिलाएं थीं उन्हें पहले थाने लाया गया, हालांकि बाद में सभी को छोड़ दिया गया. इनमें से एक का वीजा एक्सपायर हो गया है इसलिए उसे वापस डीपोर्ट करने की प्रक्रिया शुरु की गई है.