दिल्ली के एक रेस्टोरेंट में आतंकियों ने कुछ लोगों को बंधक बनाया तो एनएसजी कमांडोज ने अपनी बहादुरी और ताकत का प्रदर्शन करते हुए आतंकियों को काबू कर लिया. सभी बंधक सकुशल मुक्त करा लिए गए. दरअसल, ये कोई वास्तविक घटना नहीं थी, बल्कि एनएसजी की टीम ने आतंकियों को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए दिल्ली में एक मॉकड्रिल की थी.
दिल्ली के हौजखास विलेज में शाम करीब 07:30 बजे अचानक से भारी पुलिस बल ने एक खास इलाके को घेर लिया. लोगों को वहां से बाहर निकाला जाने लगा, रास्ता साफ़ कराया गया. तभी अचानक एनएसजी के कमांडोज अपने आधुनिक हथियारों के साथ वहां आते हैं और एक रेस्टोरेंट को घेर लेते हैं.
असल में वहां कोई आतंकी नहीं थे, बल्कि सुरक्षा के लिहाज से यह एक मॉकड्रिल की गई थी. जिसके तहत एक पीसीआर कॉल की गई. बताया गया कि एक रेस्टोरेंट में आतंकियों ने लोगों को बंधक बना लिया है. कॉल के बाद दिल्ली पुलिस के स्वॉट कमांडोज वहां पहुंचते हैं.
इसके बाद एनएसजी को इस घटना की जानकारी दी जाती है. तभी एनएसजी के लिए रास्ता साफ कराया जाता है. इलाके से लोगों को भी बाहर कर दिया जाता है. एनएसजी के कमांडोज अपने आधुनिक हथियारों के साथ रेस्टोरेंट में दाखिल होते हैं.
पहले वे कमांडोज धीरे-धीरे बंधक बने लोगों को बाहर निकालते हैं और फिर थोड़ी देर में डमी आतंकियों पर काबू पाकर उन्हें बाहर ले आते हैं. इस तरह की मॉकड्रिल का मकसद किसी भी आपातकालीन स्थिति में सुरक्षा एजेंसियों की तैयारी का जायजा लेना होता है.
सुरक्षा एजेंसियों को मिलने वाले अलर्ट्स के हिसाब से समय-समय पर इस तरह की मॉकड्रिल की जाती हैं. जिसमें डमी आतंकियों पर काबू पाया जाता है. कार्रवाई का समय भी नोट किया जाता है.