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दिल्ली में ISJK के 3 आतंकी गिरफ्तार, हथियार और ग्रेनेड भी बरामद

दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल ने हथियार और ग्रेनेड के साथ इस्लामिक स्टेट ऑफ जम्मू एंड कश्मीर के 3 आतंकियों को गिरफ्तार करने में कामयाबी पाई है. ये तीनों आतंकी जम्मू-कश्मीर के रहने वाले हैं.

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गिरफ्तार आतंकी (फोटो- अरविंद ओझा)
गिरफ्तार आतंकी (फोटो- अरविंद ओझा)

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दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल ने इस्लामिक स्टेट ऑफ जम्मू एंड कश्मीर (ISJK) के तीन आतंकियों को गिरफ्तार करने में बड़ी कामयाबी हासिल की है. इन आतंकियों के पास से हथियार, ग्रेनेड और विस्फोटक भी बरामद हुए हैं. गिरफ्तार किए गए ये तीनों आतंकी जम्मू-कश्मीर के रहने वाले हैं.

गिरफ्तार किए गए आतंकियों की पहचान जम्मू कश्मीर के त्राल निवासी ताहिर अली खान, बडगाम निवासी हरीश मुश्ताक खान और रैनावाड़ी निवासी आसिफ सुहैल नडाफ के रूप में हुई है. ताहिर अली खान के पिता का नाम अली मोहम्मद, हरीश मुश्ताक खान के पिता का नाम मुश्ताक अहमद और आसिफ सुहैल नदाफ के पिता का नाम लतीफ बताया जा रहा है.

अमृतसर के निरंकारी भवन में आतंकी हमले के बाद इन आतंकियों की गिरफ्तारी सामने आई है. ISJK के इन आतंकियों की गिरफ्तारी से पहले अमृतसर के निरंकारी भवन में हुए हमले में दो आतंकियों को गिरफ्तार किया गया था, जिनकी पहचान विक्रमजीत सिंह और अवतार सिंह के रूप में हुई है.

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अवतार सिंह ने ही निरंकारी भवन में सत्संग कर रहे अनुयायियों पर ग्रेनेड फेंका था, जबकि विक्रमजीत सिंह भवन के बाहर मोटरसाइकिल पर इंतजार कर रहा था और उसने गेट पर खड़े दो लोगों को बंदूक की नोक पर ले रखा था, ताकि वे शोर न मचा सकें.

विक्रमजीत सिंह पंजाब का स्थानीय निवासी है. उसने पाकिस्तान में बैठे आतंकियों की मदद से इस हमले को अंजाम दिया था. इस हमले में तीन लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 20 लोग घायल हो गए थे. यह ग्रेनेड हमला अमृतसर से करीब 15 किलोमीटर दूर स्थित आदिलवाल गांव में निरंकारी पंथ के सत्संग भवन में हुआ था.

यह हमला उस वक्त हुआ था जब लोग प्रार्थना के लिए एकत्र हुए थे. वहां करीब 200 लोग मौजूद थे. देश-विदेश में निरंकारी अनुयायियों की संख्या लाखों में है. इसका मुख्यालय दिल्ली में है. इस हमले के लिए पैसा और ग्रेनेड पाकिस्तान में बैठे खालिस्तानी आतंकी हरमीत सिंह उर्फ पीएचडी ने मुहैया करवाया था.

पटियाला से कुछ दिन पहले पकड़े गए खालिस्तान गदर फोर्स के आतंकी शबनम दीप सिंह ने इसके लिए स्लीपर सेल के माध्यम से इन दो लड़कों को बरगला कर अपने साथ जोड़ा था. शबनम दीप सिंह ने गरीब लड़कों को खालिस्तान के नाम पर बरगला कर उनको चंद हजार रुपये देकर हैंड ग्रेनेड फेंकने के लिए तैयार किया था. उन्हें ट्रेनिंग भी दी गई थी.

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