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दिल्लीः सिक्योरिटी गार्ड और ड्राइवर ने ही लूटी थी कैशवैन, 25 लाख बरामद

दिल्ली पुलिस ने कैशवैन से 70 लाख रुपये की लूट मामले को सुलझाते हुए दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है. कैशवैन का ड्राइवर और सिक्योरिटी गार्ड ही इस लूट के मास्टरमाइंड निकले. पुलिस ने आरोपियों के पास से 25 लाख रुपये बरामद कर लिए हैं. बाकी रकम की बरामदगी के लिए पुलिस टीम दोनों से पूछताछ कर रही है.

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फर्जी दस्तावेजों की मदद से पाई थी नौकरी
फर्जी दस्तावेजों की मदद से पाई थी नौकरी

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दिल्ली पुलिस ने कैशवैन से 70 लाख रुपये की लूट मामले को सुलझाते हुए दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है. कैशवैन का ड्राइवर और सिक्योरिटी गार्ड ही इस लूट के मास्टरमाइंड निकले. पुलिस ने आरोपियों के पास से 25 लाख रुपये बरामद कर लिए हैं. बाकी रकम की बरामदगी के लिए पुलिस टीम दोनों से पूछताछ कर रही है.

डीसीपी एम.एन. तिवारी ने बताया कि कैशवैन का सिक्योरिटी गार्ड राजीव कुमार उर्फ बबलू उर्फ जालिम सिंह पिछले 5-6 महीने से नकली नाम से कंपनी में काम कर रहा था. उसके पास से बरामद पहचान संबंधी दस्तावेज भी फर्जी पाए गए हैं. वहीं उसका आर्म्स लाइसेंस भी फर्जी निकला.

पुलिस को शक है कि फर्जीवाड़े की आड़ में जालिम सिंह काफी पहले ही इस लूट का प्लान बना चुका था. डीसीपी ने बताया कि इस केस की जांच में उन्हें किसी भीतरी शख्स के मिले होने का शक हुआ. जिसके बाद पुलिस ने कैशवैन के ड्राइवर मुकुंद को हिरासत में लेकर पूछताछ की.

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मुकुंद ने घटना का खुलासा कर दिया. मुकुंद के जरिए पुलिस यूपी के मैनपुरी इलाके में छिपे जालिम सिंह तक भी जा पहुंची और लूटी गई रकम में से तकरीबन 25 लाख रुपये कैश बरामद कर लिया. फिलहाल पुलिस टीम दोनों आरोपियों से पूछताछ कर बाकी रकम की बरामदगी की कोशिशों में जुटी हुई है.

गौरतलब है कि इस घटना के बाद कैश कलेक्शन का काम करने वाली तमाम एजेंसियों की लापरवाही की भी पोल खुल गई है. इस घटना से साफ होता है कि किसी भी शख्स को नौकरी पर रखने से पहले यह एजेंसियां उसके पहचान संबंधी दस्तावेजों की तस्दीक करवाना भी मुनासिब नहीं समझती हैं.

दरअसल पुलिस गिरफ्त में आए कैशवैन के सिक्योरिटी गार्ड जालिम सिंह ने खुलासा किया कि उसने खुद 500 रुपये में फर्जी दस्तावेज बनवाकर सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी हासिल की थी.

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