एक बार फिर दिल्ली पुलिस का खौफनाक चेहरा सामने आया है. एक महिला की गैंगरेप के बाद हत्या हो जाती है. पुलिस ने असल आरोपियों को ढूंढने के बजाय महिला के पति को बेहद टार्चर किया और जबरन उससे पत्नी के कत्ल का जुर्म कबूल करवाकर उसे जेल भेज दिया.
मिली जानकारी के अनुसार, 19 फरवरी, 2017 को कंझावला पुलिस को पीसीआर कॉल मिली थी कि डबास गांव के मीर विहार इलाके में एक महिला का शव पड़ा है. मेडिकल रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि महिला की गैंगरेप के बाद हत्या की गई. 20 फरवरी को पुलिस को एक और सूचना मिली कि मदनपुर डबास गांव के नाले के पास एक युवक का शव पड़ा हुआ है.
शव के पास एक बाइक भी थी. मृतक युवक की पहचान कराला निवासी अरुण उर्फ कंचा के रूप में हुई. पुलिस जांच में पता चला कि मृतक महिला और युवक के करीबी संबंध थे. दोनों 18 फरवरी की शाम से लापता थे. एक गुप्त सूचना के आधार पर पुलिस टीम ने तीन आरोपियों जसबीर, देवेंद्र और जसबीर को हिरासत में लेकर पूछताछ की.
जसबीर और देवेंद्र ने पुलिस को बताया कि वारदात वाले दिन वह दोनों अपने दो अन्य साथियों विकास और मोहित के साथ मदनपुर डबास गांव के खेतों में शराब पी रहे थे. उन्होंने एक बाइक पर एक युवक को महिला के साथ आते हुए देखा. युवक और महिला थोड़ी देर के लिए खेतों में बैठ गए. जिसके बाद चारों ने उन्हें पकड़ लिया और महिला के साथ गैंगरेप किया.
उनकी करतूतों का कभी खुलासा न हो इसलिए उन्होंने महिला और युवक की गला घोंटकर हत्या कर दी. हत्या के बाद उन्होंने दोनों शवों को अलग-अलग जगहों पर फेंक दिया. शवों को ठिकाने लगाने के लिए उन्होंने अपने साथी मंजीत की मदद ली. पुलिस ने आनन-फानन में केस सुलझाने के लिए मृतका के पति को टार्चर कर उससे पत्नी की हत्या का जुर्म कबूल करवा लिया.
फरवरी से मृतका का बेकुसूर पति जेल में बंद है. दिल्ली क्राइम ब्रांच ने केस सुलझाते हुए कंझावला थाना पुलिस के एसएचओ और एडिशनल एसएचओ को लाइन हाजिर कर दिया. पीड़ित परिजनों ने अब आरोपी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की मांग की है. साथ ही परिजनों ने हत्यारों को भी फांसी दिए जाने की मांग की है.
फिलहाल यह देखने वाली बात होगी कि क्या पुलिस के आला अधिकारी आरोपी पुलिसकर्मियों को सिर्फ लाइन हाजिर करने की कार्रवाई करते हैं या फिर उनके खिलाफ केस दर्ज कर उन्हें सजा दिलाए जाने की कार्रवाई को भी आगे बढ़ाते हैं.