दिल्ली के द्वारका में अपनी सर्विस रिवॉल्वर से एक लड़की को गोली मारकर खुदकुशी करने वाले सब इंस्पेक्टर बिजेंद्र के पर्स से एक सुसाइड नोट मिला है. इस तरह तफ्तीश में जुटी पुलिस को बिजेंद्र के हाथों की लिखी वो आखिरी इबारत मिल गई, जिसमें इस खौफनाक वारदात का असली सच दर्ज था.
हत्या और खुदकुशी से पहले बिजेंद्र अपने सुसाइड नोट में लिखा था, 'मां अफसोस मत करना. मरना एक दिन सबको है. तो आज क्यों नहीं. उसको पैसे देकर मैं काफी कर्ज में आ गया हूं. उधार लेकर उसकी जरूरत पूरी कर रहा हूं. परेशान हो गया हूं. काम में ध्यान नहीं लगा पा रहा हूं.'
जानकारी के मुताबिक, रविवार की सुबह 11.40 पर पीसीआर कॉल मिलने पर पीसीआर करीब 11.43 पर पहुंची थी. 11.46 पर लोकल थाने की पुलिस भी मौके पर पहुंच गई थी. बिजेंद्र पार्क में बैठा हुआ था. उसके पास ही जमीन पर महिला पड़ी हुई थी. बिजेंद्र की सांसें चल रही थीं.
बुरी तरह से जख्मी बिजेंद्र को तुरंत रॉकलैंड हॉस्पिटल में दाखिल करवाया गया. यहां से उसे एम्स ट्रॉमा सेंटर भेज दिया गया. वो करीब एक घंटे तक होश में था. लेकिन हर सवाल के जवाब में उसका एक ही जवाब था- मर जाने दो. कुछ देर बाद ही उसकी मौत हो गई थी.
सर्विस पिस्तौल से दिया हत्याकांड को अंजाम
हत्या के एक दिन पहले ही बिजेंद्र ने ड्यूटी ज्वाइन किया था. हत्या को अंजाम देने के लिए मालखाने से सर्विस पिस्तौल ली फिर संदीप विश्नोई नाम का बैज लगी वर्दी के साथ हत्या को अंजाम दिया. पुलिस सूत्रों की माने तो महिला पत्रकार को रास्ते से हटाने के लिए उसने तीन महीने पहले ही सोच लिया था.
सुसाइड नोट से खुला एसआई का राज
बिजेंद्र के सुसाइड नोट से पुलिस को इस सच्चाई का पता चल गया कि वो किस हाल में था. उसकी दिमागी हालत कैसी थी. उसके हाथों जान गंवाने वाली निक्की किस किरदार की थी. उसके ताल्लुकात वकीलों, पुलिस के अफसरों और नामी प्रॉपर्टी डीलर्स सभी के साथ थे.
फोन करके द्वारका के पार्क में बुलाया
पुलिस की शुरुआती तफ्तीश में ये बात सामने आई है कि शादीशुदा बिजेंद्र रन्हौला थाने में तैनात था. उसने लड़की को सुबह करीब दस बजे फोन कर द्वारका के एक पार्क में बुलाया था. साल 2001 में बतौर कांस्टेबल भर्ती हुआ था, लेकिन 2008 में प्रमोशन पाकर सब इंस्पेक्टर बना गया था.
एक अखबार में काम करती थी निकिता
उत्तम नगर थाने में तैनाती के दौरान उसकी पहचान निकिता चौहान उर्फ निक्की से हुई थी. निकिता किसी अखबार के लिए काम करती थी. साल 2011 में उसने परवेश कुमार नाम के लड़के से आर्य समाज मंदिर में शादी की थी, लेकिन जल्द ही दोनों के रिश्तों में तल्खी आ गई.
पत्नी ने दर्ज कराया दहेज उत्पीड़न केस
निकिता और परवेश ने तलाक के लिए कोर्ट में अर्जी भी दे दी, जिसकी सुनवाई अभी चल रही थी. इसी बीच बिजेंद्र और निकिता एक दूसरे के बेहद करीब आ गए. बिजेंद्र के इस अफेयर की खबर जब उसकी पत्नी को चली, तो उसने दहेज उत्पीड़न का केस दर्ज करा दिया.
झूठे मुकदमें में फंसाकर करते थे वसूली
बिजेंद्र की पत्नी ने उसकी शिकायत दिल्ली पुलिस के आला-अधिकारियों से कर दी थी. इसके बाद दिल्ली पुलिस ने उसके खिलाफ विभागीय जांच शुरु कर दी. सूत्रों की मानें तो बिजेंद्र और निकिता मिलकर लोगों को झूठे मुकदमें में फंसाकर वसूली किया करते थे. बाद उनके रिश्तों में खटास आ गई.
बिजेन्द्र को ब्लैकमेल कर रही थी निकिता
कुछ महीने पहले ही निकिता ने उसके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी. लेकिन समझौता होने के बाद उसने मामला वापस ले लिया था. सूत्रों के मुताबिक, निकिता बिजेंद्र को ब्लैकमेल कर रही थी. उसने उससे पांच लाख रुपये भी लिए थे. इसके बाद भी उससे पांच लाख रुपये और मांग रही थी.