दिल्ली में अपहरण और धोखाधड़ी का एक बड़ा ही अजीब मामला सामने आया है. दरअसल दिल्ली पुलिस ने अपहरण के एक मामले को सुलझाते हुए पीड़ित को तो सही सलामत बचा लिया और फिर पीड़ित को ही धोखाधड़ी के आरोप में गिरफ्तार कर लिया.
मामला पूर्वी दिल्ली के शकरपुर का है. 12 जनवरी को पुलिस को शिकायत मिली कि कुशल चोपड़ा नाम के एक शख्स का अपहरण हो गया है और अपहरणकर्ता 36 लाख रुपये की फिरौती मांग रहे हैं. सर्विलांस की मदद से पुलिस को पता चला कि अपहरणकर्ता बार-बार लोकेशन बदल रहे हैं. 13 जनवरी की सुबह पुलिस ने एक अपहरणकर्ता को लक्ष्मीनगर इलाके से धर दबोचा.
पूछताछ में आरोपी ने अपना नाम अमन बताया. पुलिस ने अमन की निशानदेही पर दो अन्य अपहरणकर्ताओं पंकज और आकाश को गिरफ्तार कर कुशल को सही सलामत बरामद कर लिया. पंकज और आकाश ने पुलिस को बताया कि कुशल ने पिछले साल उन्हें मनोज अग्रवाल नामक एक शख्स से मिलवाया था. कुशल और मनोज ने उन्हें बल्गारिया की कंपनी वन क्वॉइन में निवेश का लालच दिया.
उन्होंने पंकज और आकाश को तीन महीने में पैसे डबल करने की बात कही. कुशल और मनोज के कहने पर उन्होंने 36 लाख रुपये कंपनी में लगा दिए. जिसके बाद कुशल और मनोज ने उनके फोन उठाना ही बंद कर दिया और पैसा लौटाने से साफ मना कर दिया. अपनी रकम को डूबता देख पंकज और आकाश ने कुशल के अपहरण का प्लान बनाया ताकि उनकी रकम उन्हें मिल सके.
पुलिस ने जब कुशल से वन क्वॉइन कंपनी के बारे में पड़ताल की तो कुशल ने कई चौंकाने वाले खुलासे किए. कुशल ने पुलिस को बताया कि वो हांगकांग गया था, वहां उसकी मुलाकात मिस्टर रूसा से हुई थी. रूसा बुल्गारिया की कंपनी वन क्वॉइन का मालिक है. उसने मनोज को इंडिया हेड बनाया था. कुशल ने कहा, उसने और मनोज ने मिलकर पंकज और आकाश से 36 लाख रुपये ऐंठ लिए. पुलिस ने धोखाधड़ी के आरोप में कुशल और मनोज को गिरफ्तार कर लिया है.