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वॉट्सऐप DP पर लगाया Delhi के पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना का फोटो, वकील को फंसाने की दी धमकी, केस दर्ज

Cyber Fraud: वकील मंजीत सिंह ने दिल्ली के पुलिस को मेल भेजकर शिकायत दर्ज कराई. उन्होंने पुलिस को बताया कि कोई उन्हें दिल्ली के पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना के नाम पर धमकी देने की कोशिश कर रहा है.

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सांकेतिक तस्वीर
सांकेतिक तस्वीर
स्टोरी हाइलाइट्स
  • वकील ने मेल भेजकर दर्ज कराई शिकायत
  • पुलिस ने शुरू की आरोपी की तहकीकात

Cyber Fraud: दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने फर्जीवाड़े का एक ऐसा केस दर्ज किया है, जिसमें एक शख्स ने दिल्ली के पुलिस कमिश्नर के नाम पर एक वकील के साथ फर्जीवाड़ा करने की कोशिश की. दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल केस दर्ज करने के बाद अब आरोपी की तलाश कर रही है.

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पुलिस के मुताबिक 21 मई को दिल्ली के वकील मंजीत सिंह ने पुलिस को मेल भेजकर शिकायत दर्ज कराई थी. अपनी शिकायत में मनजीत ने बताया कि एक अनजान नंबर से उन्हें फोन और मैसेज कर धमकी दी जा रही है. जब उन्होंने वॉट्सऐप और ट्रू कॉलर पर उस नंबर का प्रोफाइल फोटो देखा तो उन्हें दिल्ली के पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना का फोटो नजर आया. मनजीत ने अपने मेल में धमकी भरे मैसेज का स्क्रीनशॉट भी भेजा है.

वीडियो वायरल करने की धमकी

फोन करने वाला मंजीत को फर्जी केस में फंसाने और वीडियो वायरल करने की धमकी दे रहा था. दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के आईएफएसओ यूनिट ने इस ममाले में केस दर्ज किया है. मंजीत ने बताया कि मैसेज भेजने वाला उन्हें फर्जी मामले में फंसाने की धमकी दे रहा था. हालांकि, पेशे से वकील मनजीत तुरंत समझ गए कि कोई उन्हें कमिश्नर के नाम पर धमकी देने की कोशिश कर रहा है. 

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नंबर के बारे पता लगाने की कोशिश

मंजीत सिंह के मुताबिक उन्हें समझ आ गया कि यह एक्सटॉर्शन रैकेट है. शिकायत मिलते ही दिल्ली पुलिस ने 25 मई को केस दर्ज कर लिया. पुलिस नंबर का पता लगाने की कोशिश कर रही है. साथ ही पुलिस यह भी जानने का प्रयास कर रही है कि आखिर वकील के साथ एक्टॉर्शन की कोशिश के पीछे कौन लोग शामिल हैं.

अस्थाना हो चुके हैं ठगी के शिकार

IPS अफसर राकेश अस्थाना एक बार साइबर ठगी का शिकार हो चुके हैं. उन्होंने बताया था कि जब वह बीएसएफ में रहते हुए एक कार्यक्रम के दौरान अहमदाबाद गए थे और वहां से लौट रहे थे, तभी उनके मोबाइल पर अचानक आधार कार्ड वेरिफिकेशन का मैसेज आना शुरू हुआ, और जब तक वह कुछ समझ पाते, तब तक 1 घंटे के भीतर 40 हजार निकल गए. बाद में उन्होंने इस मामले की छानबीन कराई तो ठगों का बड़ा नेटवर्क सामने आया, जो cyber फ्रॉड में ही लोगों को ठगा करते थे. अस्थाना ने बताया कि हैरानी की बात यह है कि पकड़े गए साइबर अपराधी पढ़े-लिखे भी नहीं थे.

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