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दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने हथियारों की बड़ी खेप पकड़ी

बिहार के मुंगेर से एके-47 रायफल का जखीरा बरामद होने का मामला अभी ठंडा भी नहीं पड़ा था कि दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने मुंगेर के रहने वाले ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया है जो मेरठ में अवैध हथियार बनाने का कारखाना चला रहे थें.

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दिल्ली पुलिस ने हथियारों की बड़ी खेप पकड़ी
दिल्ली पुलिस ने हथियारों की बड़ी खेप पकड़ी

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दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने हथियारों की बड़ी खेप समेत 5 लोगों को भी गिरफ्तार किया है. जिसमें इस गैंग का सरगना सैदुल्ला भी शामिल है.

दरअसल स्पेशल सेल को जानकारी मिली थी कि दिल्ली के टीकरी बॉर्डर इलाके से हथियारों की एक बड़ी खेप जाने वाली है. इसी जानकारी के आधार पर पुलिस ने ट्रैप लगाया और एक गाड़ी को रुकने का इशारा किया, लेकिन बदमाशों ने गाड़ी नहीं रोकी और पुलिस पर ही गोली चला दी.

लेकिन पुलिस ने उन बदमाशों पर काबू पा लिया और जब गाड़ी की तलाशी ली गई तो पुलिस के ही होश उड़ गए, गाड़ी हथियारों से भरी पड़ी थी. पकड़े गए दो आरोपी सैदुल्ला और नसीम से जब पूछताछ की गई तो उन्होंने बताया कि हथियारों की खेप मेरठ से लाई गई है और वहीं पर ये हथियार बनाए जा रहे थें. जिसके बाद पुलिस की एक टीम फौरन मेरठ के लिए रवाना हो गई.

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मेरठ के  लिसाड़ी गेट इलाके में पुलिस को एक तहखाने में अवैध हथियारों की फैक्ट्री का पता लगा. पुलिस ने वहां से 3 कारीगरों को भी गिरफ्तार किया जो ये पिस्तौल बना रहे थे, ये तीनों मुंगेर के रहने वाले हैं, स्पेशल सेल ने यहा से भी कई हथियार बरामद किए.

बता दें कि दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने कई सालों से अवैध हथियारों के खिलाफ मुहिम छेड़ रखी है. इससे पहले भी कई बार हथियारों की बड़ी खेप बरामद हो चुकी है. पूछताछ में इस गैंग के सरगना सैदुल्ला ने बताया कि मुंगेर से हथियार लाने में दिक्कत हो रही थी इसलिए मेरठ में अवैध हथिया की फैक्ट्री लगाई.

पुलिस की माने तो सैदुल्ला इस खेल का पुराना खिलाड़ी है. जो 15 साल से अवैध हथियारों की तस्करी कर रहा है और मुंगेर का ही रहने वाला है. पूछताछ में पता चला है कि एक पिस्तौल की कीमत 50 हजार से 80 हजार रुपये तक है. फिलहाल पुलिस अब इस सबका पुराना इतिहास खंगालने में जुटी है.

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