आर्म्स डीलर संजय भंडारी के देश के बाहर भाग जाने की जांच शुरू कर दी गई है. दिल्ली पुलिस को इस जांच की जिम्मेदारी सौंपी गई है कि संजय भंडारी आखिर कैसे बिना किसी एजेंसी को सूचित किए भारत से लंदन भाग गया. पिछले एक महीने से संजय भंडारी के बारे में कोई जानकारी नहीं है.
जानकारी के मुताबिक, 17 अक्टूबर को आर्म्स डीलर संजय भंडारी के खिलाफ ऑफिसियल सिक्रेट एक्ट के तहत दिल्ली में केस दर्ज हुआ था. दिल्ली पुलिस की जांच के दौरान पता चला था कि संजय भंडारी के डिफेंस कॉलोनी के घर से इसी साल अप्रैल में भारतीय वायुसेना के गोपनीय दस्तावेज मिले हैं.
सूत्रों की माने तो संजय भंडारी फर्जी दस्तावेज के जरिए नेपाल के रास्ते होते हुए लंदन भाग गया. उसका नाम इस साल तब सामने आया जब मीडिया में यह खबर आई की कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा के लंदन के मकान को लेकर ईमेल के जरिए बात हुई थी.
इस मामले में घिरे संजय भंडारी ने कबूल कर लिया था कि उनके घर पर छापेमारी के दौरान कंप्यूटर से बरामद ईमेल उनके और रॉबर्ट वाड्रा के बीच साझा किए गए थे. इनमें से कुछ ईमेल भंडारी और वाड्रा के असिस्टेंट मनोज अरोड़ा के बीच भी आदान-प्रदान किए गए थे.
बताते चलें कि संजय भंडारी के ग्रेटर कैलाश स्थित घर पर छापे के दौरान बेहद संवेदनशील दस्तावेज बरामद हुए थे. इन दस्तावेजों में सबसे अहम रक्षा मंत्रालय की गोपनीय मीटिंग्स से जुड़े कागजात थे. छापेमारी में टीम को भविष्य के रक्षा सौदों से जुड़े कई महत्वपूर्ण फैसलों के भी दस्तावेज बरामद हुए थे.