दिल्ली पुलिस अब बच्चों को चाइल्ड एबयूज़िंग के खिलाफ जागरुक करने के लिए
चर्चित एनिमेशन फिल्म 'कोमल' का सहारा ले रही है. यह फिल्म यूट्यूब और अन्य
सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर अपनी अलग पहचान बना चुकी है. यह फिल्म बच्चों
को यौन उत्पीड़न के प्रति जागरुक करने के लिए बनाई गई है.
राजधानी में बच्चों के साथ होने वाली बेहिसाब यौन उत्पीड़न की घटनाओं के बाद पुलिस ने इस फिल्म का सहारा लिया है. दरअसल, दिल्ली और आस पास के शहरों में आए दिन बच्चों के साथ होने वाले यौन अपराध और छेड़छाड़ की खबरें आती रहती हैं. बच्चों के प्रति बढ़ते यौन अपराधों को लेकर हर कोई परेशान है.
मगर इस तरह के मामलों में अक्सर बच्चे या बच्चियां डर की वजह से कुछ नहीं बोल पाते हैं. कुछ बच्चियों ने तो जरूर अापबीती बताने की हिम्मत जुटाई है, लेकिन अब भी दिल्ली और आस पास के शहरों में न जाने कितनी मासूम बच्चियां ऐसी हैं. जिनके साथ ऐसा हो रहा है. और वो अपना मुंह नहीं खोल पाती हैं.
हैरानी की बात तो यह है कि ऐसे मामलों में ज्यादातर बच्चियों को नहीं पता होता कि उनके साथ हो क्या रहा है. इसलिए दिल्ली पुलिस ने इस फिल्म का सहारा लिया है. कोमल- A film on Child Sexual Abuse नाम की यह फिल्म इस बात को बड़ी ही खूबसूरती से बताती है कि मासूम बच्चों के साथ खेलने वाला हर कोई उनका दोस्त नहीं होता.
इनमें कुछ ऐसे वहशी शैतान भी होते हैं जो खेल की आड़ में मासूम बच्चों को अपनी हवस का शिकार बनाने की फिराक में रहते हैं. ऐसे लोग इतने शातिर होते हैं कि मासूम बच्चे को अहसास नहीं होने देते कि वो उसके साथ गलत हरकत करने वाले हैं. और जब बच्चा उन बेशर्म हरकतों की वजह से सहम जाता है, तब जाकर वो सच सामने आता है, जिसके बारे में बच्चे तो बच्चे उनके माता पिता भी बताने से शर्माते हैं.
डीसीपी नॉर्थ दिल्ली वीनू बंसल ने बताया कि दिल्ली पुलिस ने इस कार्टून फिल्म को अब अपनी मुहिम का हिस्सा बना लिया है और इस फिल्म को वे हर उस जगह पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं, जहां उन्हें ऐसे मासूमों की भीड़ नजर आती है, जो अपनी मासूमियत के लुटेरों को पहचान नहीं सकते हैं. उन्होंने बताया कि पुलिस का मकसद साफ है कि मासूम कभी मायूस न हों.