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अय्याश बाबा जल्द आएगा सामने, बेटियों को लेने दिल्ली पहुंचे परिजन

ढोंगी बाबा वीरेंद्र देव दीक्षित की कलई खुलने के साथ ही देशभर से परिजन दिल्ली के रोहिणी में स्थित आध्यात्मिक विश्वविद्यालय से अपनी बेटियों को वापस लेने पहुंचे. इस बीच आश्रम से एक गाड़ी में कुछ लड़कियों को निकलता देख लोगों ने जमकर हो हंगामा भी किया.

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रोहिणी के विजय विहार स्थित आश्रम पर परिजनों का हंगामा
रोहिणी के विजय विहार स्थित आश्रम पर परिजनों का हंगामा

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आध्यात्मिक विश्वविद्यालय के नाम पर अय्याशी की पाठशाला चलाने वाले ढोंगी बाबा के जल्द सामने आने की घोषणा हुई है. उत्तर प्रदेश के बांदा स्थित आश्रम के मैनेजर हेमंत राय ने रविवार को कहा कि बाबा जल्द ही सामने आएगा.

इस बीच खुद को कृष्ण बताने वाले ढोंगी बाबा वीरेंद्र देव दीक्षित की कलई खुलने के साथ ही देशभर से परिजन दिल्ली के रोहिणी में स्थित आध्यात्मिक विश्वविद्यालय से अपनी बेटियों को वापस लेने पहुंचे. इस बीच आश्रम से एक गाड़ी में कुछ लड़कियों को निकलता देख लोगों ने जमकर हो हंगामा भी किया.

ऐसा ही एक परिवार मध्य प्रदेश के रीवा से आया है, जिनकी 23 साल की बेटी कई साल से रोहिणी के विजय विहार में स्थित ढोंगी बाबा के आश्रम में रह रही है. परिजनों ने बताया कि जब भी वे अपनी बेटी से मिलने आते आश्रम वाले उन्हें मिलने नहीं देते.

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पुलिस ने परिजनों में से मां को आश्रम के अंदर ले गई और उन्हें उनकी बेटी से मिलवाया. बेटी ने उनसे मुलाक़ात तो कर ली, लेकिन साथ जाने से मना कर दिया. बाहर आकर महिला ने बताया कि उसकी बेटी का ब्रेन वॉश कर दिया गया है और अब वह नहीं आना चाहती. इतना बताते बताते महिला बेहोश हो कर गिर पड़ी.

इस बीच जैसे ही आश्रम के अंदर से 3 महिलाओं को लेकर एक गाड़ी बाहर आई, परिवार वालों और स्थानीय महिलाओं ने गाड़ी को घेर लिया. गाड़ी को घेरकर महिलाओं ने जबरदस्त हंगामा किया. बीच-बचाव के लिए आश्रम के अंदर से भी महिलाएं आ गईं. हंगामा कर रही महिलाओं और आश्रम की महिलाओं के बीच धक्का-मुक्की की नौबत आ गई. पुलिस ने बड़ी मशक्कत से उन्हें काबू में किया.

आश्रम की सदस्य निर्मला ने आजतक से अनुरोध किया कि मीडिया उनके आश्रम के बारे में गलत न दिखाए. निर्मला का कहना है कि वीरेंद्र देव फरार नहीं है, बल्कि हो सकता है कि किसी दुश्मन ने वीरेंद्र देव को किडनैप किया हो. उसने सफाई दी कि आश्रम के अंदर सब ठीक है. महिलाएं अपनी मर्जी से और खुशी से वहां रह रही हैं.

अपनी बेटी से मिलने मध्य प्रदेश से आए परिवार वालों ने आश्रम से बाहर आने के बाद बताया कि उनकी बेटी पर आश्रम की ओर से दबाव बनाया गया है और बात करते-करते मां की तबीयत खराब हो गई. परिवार वालों ने बताया कि उनकी बेटी 7 साल से विश्वविद्यालय में रह रही है. 3 साल पहले उनकी अपनी बेटी से आखिरी बार बात हुई थी.

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एक अन्य परिवार लखनऊ से आया हुआ है. माता-पिता का कहना है कि उनकी बेटी 2016 से आश्रम में रह रही है. पिता ने बताया कि उनकी बेटी ने 2016 में PMT की परीक्षा पास कर ली थी, लेकिन तभी वह आध्यात्मिक विश्वविद्यालय आ गई. लेकिन बाद में जब माता-पिता मिलने आए तो उन्हें बेटी से मुलाकात कराने से मना कर दिया गया. परिजनों ने जब पुलिस में शिकायत करने की धमकी दी तो आश्रम वालों ने कहा कि लड़की अपनी मर्जी से आश्रम में रह रही है.

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