दिल्ली पुलिस ने एटीएम कार्ड की क्लोनिंग कर लोगों को लाखों का चूना लगाने वाले एक शातिर शख्स को गिरफ्तार कर लिया. पकड़ा गया शख्स कोई और नहीं बल्कि खुद दिल्ली पुलिस का एक निलंबित कर्मचारी है. उसके कब्जे से पुलिस ने एक लाख से ज्यादा की नकदी और करीब 4 दर्जन डेबिट कार्डस् बरामद किए हैं.
आरोपी की पहचान रवि कुमार के रूप में हुई है. पुलिस ने उसके कब्जे से क्लोन किये गए 47 फर्जी कार्ड और 1 लाख 13 हजार 5 सौ रुपये नकद बरामद किए हैं. आरोपी ने पूछताछ में कई वारदातों का खुलासा भी किया है. आरोपी दिल्ली के ही नांगलोई इलाके का रहने वाला है.
दरअसल, मूल रूप से गाजीपुर के रहने वाले नीतिन कुमार सिंह दिल्ली के सरोजनी नगर में रहते हैं. वो एसबीआईकी लाइफ इंश्योरेंस कंपनी में मार्केटिंग मैनेजर के पद पर तैनात है. नीतिन ने पुलिस को बताया कि गीता कॉलोनी स्थित एसबीआई बैंक में उनका खाता है. 29 दिसंबर को उनके खाते में 1 सौ 22 रुपये थे.
इसके बाद 30,337 रुपये सैलेरी उनके खाते में आई. इस बीच फोन पर मैसेज आया कि तीस हजार चार सौ रुपए निकाले गए हैं. मैसेज में देखा रुपये शालीमार बाग एसबीआई एटीएम से निकाले गए हैं. इसके बाद नीतिन ने बैंक मैनेजर अनुज को मामले की जानकारी दी.
एटीएम में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगालने पर दिखा कि 5 बजकर 27 मिनट पर एक लडक़े ने पैसे निकाले थे. जिसके पास कई एटीएम कार्ड दिखाई दे रहे थे. वारदात की सूचना शालीमार बाग पुलिस थाने को दी गई. पुलिस ने सीसीटीवी कैमरे की फुटेज कब्जे में ले ली.
पुलिस की जांच टीम ने आरोपी को पकडऩे के लिए कई संदिगधों से पूछताछ की. पीडि़त ने बताया कि उसको लगा था कि आरोपी सैलेरी आने पर वारदात को अंजाम देता है. उसको पता है कि कब सैलेरी आती है. आरोपी को खुद पकडने की कोशिश में नीतिन ने एटीएम पर नजर रखनी शुरू कर दी.
सुबह करीब 11 बजे आरोपी एटीएम पर दिखाई दिया. नीतिन ने फौरन एटीएम का दरवाज बाहर से बंद कर शोर मचा दिया और पब्लिक की मदद से आरोपी को पकड़ लिया. वहां लोगों ने उसकी बुरी तरह से पिटाई की. फिर उसे पुलिस के हवाले कर दिया गया.
पुलिस ने उसकी तलाशी ली तो उसकी पेंट की जेब से क्लोन किए गए 47 एटीएम कार्ड और 1 लाख 13 हजार 5 सौ रुपये जब्त किए. सूत्रों की मानें तो रवि को पता है कि महीने के शुरू में लोगों की सैलरी बैंकों में आती है. उसने एटीएम क्रडिट और डेबिट कार्ड का क्लोन बनाने की तरकीब सीख रखी है. वह इस तरह की कई वारदातों को अंजाम दे चुका है.
ऐसे होती है कार्ड क्लोनिंग
कई तरह के कार्ड स्किमर डिवाइस आते हैं. जिनके अंदर क्रेडिट-डेबिट कार्ड स्वाइप करने पर उस कार्ड की सारी जानकारी और डाटा आ जाता है. इसके बाद एक खाली कार्ड लेकर उसे एडवांस्ड प्रिंटर के जरिए क्लोन किया जाता है. कार्ड की सारी जानकारी उस कार्ड के उपर प्रिंट कर दी जाती है. कई बार तो हूबहू ओरिजनल कार्ड के जैसा डुप्लीकेट या क्लोन्ड क्रेडिट-डेबिट कार्ड तैयार कर लिया जाता है.