पुलिस को इस स्पा सेंटर के बारे में जानकारी तब मिली जब कार्ड क्लोनिंग की शिकायत देने वाले कई लोगों ने बताया कि वो लोग स्पा सेंटर गए थे. इसके बाद पुलिस ने स्पा सेंटर के बारे में जानकारी जुटाई और फिर क्लोन कार्ड से कैश निकालते रंगे हाथों ही एक शख्स को गिरफ्तार कर लिया.
ऐसे वारदात को देते थे अंजाम
पुलिस के मुताबिक, इस गोरखधंधे का मास्टरमाइंड राजेश शर्मा नाम का शख्स है. पुलिस ने राजेश के पास से कुल 100 क्लोन कार्ड, 11 स्वैपिंग मशीन, लैपटॉप, और मैगनेटिक स्ट्रिप बरामद की. राजेश द्वारका सेक्टर 23 में स्पा सेंटर चलाता था. वहां पर जो भी कार्ड देता उसका सारा डेटा ये चुरा लेते, बाद में उस डेटा को मैग्नेटिक स्ट्रिप रीडर के लैपटॉप में ट्रांसफर करते, फिर प्लेन कार्ड में उसे डाल देते. एटीमएम पिन ये उसी वक्त चुपके से देख लेते जब कस्टमर मशीन में उसे टाइप कर रहा होता था. एक बार कार्ड तैयार हो जाता था तो फिर ये दिल्ली के किसी भी कोने में जाते और कैश निकाल लेते.
500 कार्ड क्लोन, 25 लाख कैश
जांच में पता लगा कि राजेश पर धोखेधड़ी और जालसाजी के कई मुकदमें पहले से ही चल रहे हैं. पहली बार राजेश 1998 में गिरफ्तार हुआ था. इसने कार्ड क्लोनिंग की पूरी जानकारी ऑनलाइन ली थी. इसके बाद इसने ऑनलाइन ही कार्ड कार्ड स्वैप मशीन और मैगनेटिग स्ट्रिप कार्ड रीडर मंगवाया था. डेटा ट्रांसफऱ करने के लिए इसने जमैका के एक शख्स से सॉफ्टवेयर खरीदा था. जानकारी के मुताबिक पिछले चार महीने में राजेश ने करीब 500 कार्ड क्लोन कर लिए जिनसे इसने 25 लाख कैश निकाल लिया.