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दिल्ली: मां ने 3 साल तक बच्चे को घर में रखा था बंद, मौत

मयंक की मां ने बताया कि वो खुद ही घर से बाहर नहीं निकलता था. उसका स्कूल में एडमिशन करवाया था, लेकिन वो स्कूल भी नहीं जाता था. उसे पिछले डेढ़ महीने से लूजमोशन हो रहे थे और वह कुछ खा भी नहीं रहा था.

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मयंक (तस्वीर: अरविंद ओझा)
मयंक (तस्वीर: अरविंद ओझा)

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देश की राजधानी दिल्ली से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है जहां एक महिला ने अपने 11 साल के मासूम बच्चे मयंक को 3 साल से कमरे में बंद करके रखा था, जिसके बाद अब बच्चे की मौत हो गई है.

जानकारी के मुताबिक बच्चे की मां ने उसे तीन साल से एक कमरे में बंद करके रखा हुआ था जिसके चलते वह काफी कमजोर हो गया था. बच्चे को पिछले हफ्ते गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती करवाया गया था जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. इस घटना ने लोगों को हैरान करके रख दिया है.

डिप्रेशन में है महिला

मयंक की मां नीता ने बताया कि उसका पति पिछले कई सालों से किसी अन्य महिला के साथ रहता है, उसका घर पर आना जाना भी नहीं है. उसने बताया कि मयंक खुद ही घर से बाहर नहीं निकलता था. उसका स्कूल में एडमिशन करवाया था लेकिन वो स्कूल भी नहीं जाता था. उसे पिछले डेढ़ महीने से लूजमोशन हो रहे थे और वह कुछ खा भी नहीं रहा था. 12 अक्टूबर को घर की सफाई के लिए महिला ने उसे घर से बाहर बैठाया तो पड़ोसियों ने बच्चे की हालत देख पुलिस को फोन कर दिय, जिसके बाद बच्चे को अस्पताल में भर्ती करवाया गया.

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नीता बार- बार यह बात कहती है कि, 'मैं खुद ही अपनी जिंदगी से परेशान हूं.. मैं सुसाइड कर लूंगी'. नीता की बातों से लगता है कि उसकी दिमागी हालत ठीक नहीं है. जानकारी के मुताबिक, मां के साथ रहते हुए मयंक भी डिप्रेशन का शिकार हो गया था.

पड़ोसियों ने कई सालों से मयंक को नहीं देखा था

पड़ोस में रहने वाले लोगों ने बताया कि पिछले कई सालों से उन्होंने मयंक को नहीं देखा. उनका कहना है कि करीब तीन साल पहले उसे घर की बालकनी में खेलते हुए देखा था, लेकिन उसके बाद उसे कभी नहीं देखा.

मयंक की हालत देखकर लगता है कि उसने पिछले काफी समय से कुछ नहीं खाया हो. उसके शरीर की सब हड्डियां साफ दिखती थी. केशवपुरम पुलिस का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही साफ हो पाएगा की मयंक की मौत कैसे हुई.

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