दिल्ली के तीस हजारी कोर्ट में शनिवार को वकीलों और पुलिस के बीच हिंसक झड़प के बाद दोनों पक्षों की ओर से केस दर्ज हुए. क्राइम ब्रांच की एसआईटी टीम इस मामले की जांच करेगी, जिसकी कमान स्पेशल कमिश्नर स्तर के अफसर के हाथों में होगी. पुलिस का कहना है कि विवाद पार्किंग को लेकर हुआ था. पुलिस के वरिष्ठ अफसरों के साथ मारपीट की गई. इस मामले में सीसीटीवी फुटेज वेरिफाई की जा रही है. इस घटना में 20 पुलिसकर्मी, एक एडिशनल डीसीपी, 2 एसएचओ को चोटें आईं हैं. साथ ही 8 वकील चोटिल हुए हैं. 12 प्राइवेट बाइक, एक क्यूआरटी पुलिस जिप्सी और 8 जेल वैन डैमेज हो गईं, जिनमें कुछ को आग लगाई गई.
पुलिस का कहना है कि वकील लॉकअप के अंदर जाकर मारपीट करने लगे. उन्होंने पुलिस की गाड़ियों व बाइकों में आग लगा दी. इसके बाद कैदियों ने दम घुटने की शिकायत आई. मानव चेन बनाकर कैदियों को सुरक्षा के साथ तिहाड़ शिफ्ट किया गया. कैदियों को लाने ले जाने वाली थर्ड बटालियन से बहस और बवाल हुआ था. पुलिस ने बचाव में हवाई फायरिंग हुई, जिससे वकील घायल हुआ होगा लेकिन ये साइंटिफिक जांच के बाद क्लियर होगा.
Delhi: A scuffle has broken out between Delhi Police and lawyers at Tis Hazari court. One lawyer injured and admitted to hospital. A vehicle has been set ablaze at the premises. More details awaited. pic.twitter.com/8wrvNXuLLT
— ANI (@ANI) November 2, 2019
Delhi: Lawyers at Karkardooma Court protest on road against the Delhi police, in connection with the scuffle which broke between Police and lawyers at Tis Hazari Court, earlier this evening. pic.twitter.com/7bBxJ6GgE9
— ANI (@ANI) November 2, 2019
दिल्ली के तीस हजारी कोर्ट में वकीलों और पुलिस के बीच हिंसक झड़प हुई. पुलिस की फायरिंग के बाद वकील भड़क गए और उन्होंने पुलिस की गाड़ियों में तोड़फोड़ की. वहीं वकीलों ने पुलिस के कुछ अधिकारियों की पिटाई भी कर दी. रिपोर्ट के मुताबिक, वकीलों ने कई गाड़ियों में आग लगा दी. वकीलों का गुस्सा यहीं नहीं थमा. उन्होंने कड़कड़डूमा कोर्ट में भी जमकर बवाल किया और पुलिस बैरिकेड को आग लगा दी. किसी तरह पुलिस ने मामला शांत कराया. कड़कड़डूमा कोर्ट के वकीलों ने आज शाम तीस हजारी कोर्ट में पुलिस और वकीलों के बीच हुई हाथापाई मामले में दिल्ली पुलिस के खिलाफ सड़क पर प्रदर्शन किया.
Delhi: Lawyers at Karkardooma Court protest on road against the Delhi police, in connection with the scuffle which broke between Police and lawyers at Tis Hazari Court, earlier this evening. pic.twitter.com/7bBxJ6GgE9
— ANI (@ANI) November 2, 2019
इस घटना के दौरान भारी भीड़ इकट्ठा हो गई. पुलिस और वकीलों के बीच विवाद इस कदर बढ़ गया कि वकीलों ने परिसर में खड़ी गाड़ियों तोड़फोड़ शरू कर दी और पुलिस की कई गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया. इस हिंसक झड़प में कई वकील घायल हो गए, जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है. दरअसल, ये मामला पार्किंग को लेकर बताया जा रहा है.
घायल वकील
वहीं, घायल वकीलों को सेंट स्टीफन अस्पताल में भर्ती कराया गया है. तस्वीर में साफ-साफ देखा जा सकता है कि वकील खून से लथपथ है. इस घटना के दौरान मौके पर भारी भीड़ जमा हो गई.
जानकारी के मुताबिक, तीस हजारी कोर्ट के लॉकअप के बाहर वकीलों और पुलिसवालों के बीच हाथापाई हुई. आरोप है कि थर्ड बटालियन के पुलिसवालों ने वकीलों पर हमले किए. कोर्ट में भारी हंगामा हुआ.
Delhi: Lawyers injured in the scuffle with Delhi police, at Tis Hazari Court, have been admitted to St Stephen's Hospital. pic.twitter.com/HauUDGzEne
— ANI (@ANI) November 2, 2019
इस घटना के दौरान वकीलों ने मौके पर पहुंचे कई पत्रकारों की भी पिटाई की. घटना के बाद कोर्ट परिसर में गुस्साए वकीलों ने काफी बवाल काटा. वहीं, डीसीपी मोनिका भारद्वाज के साथ बदसलूकी का भी मामला सामने आया है.
Delhi: An ANI journalist was hit by lawyers at Tis Hazari Court while he was covering the scuffle between lawyers&Delhi police.Journalists present there are being stopped by lawyers from covering the incident&their mobile phones are being snatched.(visuals from Tis Hazari Court) pic.twitter.com/dFqajbRp0j
— ANI (@ANI) November 2, 2019
बार काउंसिल ऑफ दिल्ली के अध्यक्ष केसी मित्तल ने पुलिस द्वारा वकीलों पर किए गए हमले की कड़ी निंदा की. उन्होंने कहा कि एक वकील गंभीर रूप से घायल है. उन्होंने कहा कि उच्च पद पर बैठे एक पुलिस ने लॉकअप में वकील को पीटा, उन्हें बर्खास्त किया जाना चाहिए और मुकदमा चलाया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि हम दिल्ली के वकीलों के साथ खड़े हैं.
KC Mittal, Chairman, Bar Council of Delhi: We strongly condemn brutal unprovoked attack on lawyers by police at Tis Hazari Court. One lawyer critical. A young lawyer was beaten in lockup, a high-handedness of police.They should be dismissed&prosecuted. We stand with Delhi lawyers
— ANI (@ANI) November 2, 2019
वहीं, एडिशनल डीसीपी हरेंद्र सिंह ने कहा, ' थर्ड बटालियन के पुलिस और वकीलों के बीच हाथापाई पार्किंग को लेकर हुई थी. इस मामले में कुछ अन्य वकील भी शामिल हुए, वे लॉकअप के अंदर घुसना चाहते थे और वे बदला लेना चाहते थे, लेकिन हमने वकीलों को अंदर नहीं आने दिया. हमने अंदर से ताला बंद कर दिया ताकि बिना किसी जोखिम के जवानों और कैदियों को अदालत के सामने पेश किया जाए. जब वकील अंदर नहीं जा सके तो वे आग जलाकर लॉकअप तोड़ना चाहते थे.
Additional DCP (north), Harender Singh on scuffle between Delhi police & lawyers at Tis Hazari Court: The scuffle was only over parking, between jawans of 3rd Battalion and lawyers. Some other lawyers joined too, they wanted to enter inside the lockup. They wanted to take revenge pic.twitter.com/zIOBKcKnZy
— ANI (@ANI) November 2, 2019
Addl DCP (north): We intervened&didn't allow lawyers to come inside. We closed lock up from inside so that not only jawans but also prisoners,scheduled to be presented before court, are not exposed to risk. When lawyers couldn't get in,they wanted to break lockup by igniting fire
— ANI (@ANI) November 2, 2019
एडिशनल डीसीपी हरेंद्र सिंह ने कहा, 'कोर्ट परिसर के अंदर हमलोगों ने सिर्फ पुलिस ही नहीं कैदियों की भी जान बचाने की कोशिश की. अगर किसी को गोली लगी है तो वो मेडिकल रिपोर्ट में सामने आएगा. हमें चोटें आईं. मुझे गर्व है कि मैंने लोगों को बचा लिया. '
Addl DCP (north), Harender Singh: By being inside we tried to save the lives of not only police personnel but prisoners also. If someone received bullet injuries it will come out in medical report. We received injuries. I'm proud that I sustained injuries but I saved my people. pic.twitter.com/RyLgiWo1YI
— ANI (@ANI) November 2, 2019
Additional DCP (north), Harender Singh: They set ablaze 2-3 bikes in a bid to open the gate in their explosion. But we doused the fire with the help of drinking water inside but the smoke caused suffocation inside. We made a human chain and shifted everyone to a different lockup.
— ANI (@ANI) November 2, 2019
इस झड़प में सुरेंद्र वर्मा नाम के एक वकील को गोली लगी है. दरअसल, मुलजिम को पेश करने के बाद एक पुलिसकर्मी वापस लौट रहा था, इसी दौरान वकील सुरेंद्र उसी मुलजिम से बात करते हुए लॉकअप तक जा पहुंचे. तभी पुलिस वाले ने रोकते हुए कहा कि यहां वकील के आने की अनुमति नहीं है.
इसके बाद वकील और पुलिस के बीच धक्का-मुक्की हुई, फिर कहासुनी के बाद मामला इतना बढ़ गया कि इधर से वकील और उधर से पुलिसकर्मी आने लगे, इसी दौरान असलहाधारी पुलिसकर्मी से गोली चली और वकील सुरेंद्र घायल हो गए.
इस झड़प में न केवल पुलिस जिप्सी को जला दिया गया, बल्कि कई वाहन को भी आग के हवाले कर दिया गया. फिलहाल मौके पर भारी पुलिस बल मौजूद है. वहीं दिल्ली पुलिस का कहना है कि फायरिंग की बात सामने नहीं आई है और मौके पर पुलिस फोर्स तैनात कर दी गई है. वहीं बवाल रोकने की कोशिश की जा रही है.
इस मामले पर अब तक दिल्ली पुलिस आयुक्त अमूल्य पटनायक, दिल्ली पुलिस प्रवक्ता और मध्य दिल्ली जिले के डीसीपी मंदीप सिंह रंधावा, दिल्ली पुलिस मुख्यालय के अतिरिक्त प्रवक्ता सहायक पुलिस आयुक्त अनिल मित्तल, उत्तरी परिक्षेत्र के विशेष पुलिस (कानून-व्यवस्था) आयुक्त संजय सिंह, उत्तरी जिला पुलिस की डीसीपी (जिनके जिले में तीस हजारी अदालत स्थित है) मोनिका भारद्वाज सहित किसी भी जिम्मेदार आला अफसर ने मीडिया को अधिकृत बयान नहीं दिया है.