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दिल्लीः ट्रैफिक एसआई ने लौटाया नकदीभरा पर्स, इनाम लेने से किया इनकार

एक तरफ जहां दिल्ली पुलिस पर रिश्वतखोरी के तमाम आरोप लगते हैं, वहीं दिल्ली ट्रैफिक पुलिस के एक सब-इंस्पेक्टर ने ईमानदारी की मिसाल कायम की है. सब-इंस्पेक्टर ने सड़क पर पड़ा एक पर्स उसके मालिक तक पहुंचाया है. पर्स में कई सौ डॉलर, नई इंडियन करेंसी और कई क्रेडिट कार्ड मौजूद थे. जब एसआई को पांच हजार रुपये का इनाम देने की कोशिश की गई तो उन्होंने लेने से इनकार कर दिया.

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पुलिस अफसर ट्रैफिक एसआई की पीठ थपथपा रहे हैं
पुलिस अफसर ट्रैफिक एसआई की पीठ थपथपा रहे हैं

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एक तरफ जहां दिल्ली पुलिस पर रिश्वतखोरी के तमाम आरोप लगते हैं, वहीं दिल्ली ट्रैफिक पुलिस के एक सब-इंस्पेक्टर ने ईमानदारी की मिसाल कायम की है. सब-इंस्पेक्टर ने सड़क पर पड़ा एक पर्स उसके मालिक तक पहुंचाया है. पर्स में कई सौ डॉलर, नई इंडियन करेंसी और कई क्रेडिट कार्ड मौजूद थे. जब एसआई को पांच हजार रुपये का इनाम देने की कोशिश की गई तो उन्होंने लेने से इनकार कर दिया.

सब-इंस्पेक्टर मदन लाल मीणा दिल्ली ट्रैफिक पुलिस में तैनात हैं. बीती 7 जनवरी की सुबह निजामुद्दीन इलाके में जब एसआई मीणा अपनी ड्यूटी कर रहे थे, तो उन्होंने देखा कि एक साईकिल सवार सड़क से पर्स उठा रहा है. उन्होंने फौरन उसके पास जाकर देखा तो पर्स उसका नहीं था. पर्स की तलाशी लेने पर पता चला कि पर्स में लगभग 50 हजार कैश और लगभग 300 डॉलर के साथ 5-6 डैबिट और क्रेडिट कार्ड भी थे.

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सब इंस्पेक्टर मीणा ने पर्स से एक आईकार्ड निकाला और कार्ड में लिखे फोन नंबर पर बात कर मालिक को पर्स वापस लौटा दिया. जब पर्स मालिक ने सब-इंस्पेक्टर मीणा को 5 हजार रुपये बतौर इनाम देने की कोशिश की तो उन्होंने अपने ईमानदारी और फर्ज का हवाला देते हुए इनाम लेने से साफ इंकार कर दिया.

ज्वाईंट सीपी (ट्रैफिक) गरिमा भटनागर ने बताया कि पुलिस अफसरों के ऐसे कदम से जनता में उनके प्रति विश्वास पैदा होता है जो कि बेहद जरूरी है. अपनी इमानदारी का परिचय देकर जहां मदन सिंह मीणा खासे खुश हैं, वहीं इनके अफसर भी इनकी इमानदारी पर गर्व महसूस कर रहे हैं.

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