सुप्रीम कोर्ट ने उबर कैब मामले में पीड़िता की याचिका मंजूर करते हुए हाई कोर्ट के फैसले को खारिज कर दिया. पीड़िता और दिल्ली पुलिस ने अदालत से आग्रह किया था कि अब इस मामले में पीड़िता और अन्य 12 गवाहों को फिर से पूछताछ करने के लिए नहीं बुलाया जाए.
दरअसल, मामले के आरोपी ड्राइवर यादव ने हाई कोर्ट में एक याचिका दाखिल करके कहा था कि उसके पहले वकील इस मामले में ठीक से उसकी पैरवी नहीं कर पाए. इसलिए इस केस में सारे गवाहों को फिर से अदालत में बुलाया जाए.
आरोपी की याचिका पर हाई कोर्ट ने उबर कैब रेप मामले में फिर से पीड़िता सहित 13 गवाहों को गवाही के लिए बुलाने की अनुमति दे दी थी. जिसके खिलाफ पीड़िता और दिल्ली पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया था. उसी याचिका को मंजूर करते हुए गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया.
गौरतलब है कि दिल्ली में पिछले साल उबर कैब चालक के हाथों बलात्कार का शिकार हुई भारतीय महिला ने अमेरिका में भी उबर कैब के खिलाफ अपनी शिकायत वापस ले ली थी. जो इस महिला ने वेब आधारित टैक्सी कंपनी उबर के खिलाफ अमेरिकी अदालत में दर्ज कराई थी. उसने स्वेच्छा से शिकायत वापस ले ली थी.
नॉदर्न डिस्ट्रिक्ट ऑफ कैलिफोर्निया की अमेरिकी डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में भारतीय पीड़िता के वकीलों ने एक संक्षिप्त नोटिस दायर किया था. जिसमें कहा गया कि शिकायतकर्ता महिला ने आरोपी उबर टैक्नोलॉजीज के खिलाफ दायर मामला वापस ले लिया है. दोनों पक्ष अपना-अपना खर्च और वकीलों की फीस खुद ही भरेंगे.
अदालत में दायर दस्तावेजों में इस बात का कोई जिक्र नहीं किया गया था कि मामला किस वजह से और किन शर्तों के तहत वापस लिया गया है. इस संबंध में बात करने के लिए भारतीय महिला के अटॉर्नी डगलस विगडोर भी उपलब्ध नहीं थे.