साध्वी यौन शोषण केस में जब से डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम जेल गए हैं, तब से लेकर अब तक सबसे बड़ा सवाल यही रहा है कि अब डेरा की कमान आखिर संभालेगा? शुरुआती दौर में ऐसा लग रहा था कि हनीप्रीत या फिर डेरा प्रमुख के बेटे या दामाद में से कोई डेरे का अगला वारिश हो सकता है.
डेरे के जानकार शुरू से यही कहते रहे थे कि राम रहीम डेरा प्रमुख उसे ही बना सकता है, जो उसके कहने से गद्दी उसे वापस सौंप दें. जेल में राम रहीम से सबसे ज्यादा मुलाकात उसकी मां नसीब कौर ने की है. 29 अप्रैल डेरे के स्थापना दिवस पर हजारों श्रद्धालुओं के बीच सबसे ज्यादा एक्टिव नसीब कौर ही दिखाई दी.
ऐसे में माना जा रहा है कि राम रहीम जब तक जेल से बाहर नहीं आ जाता, तब तक डेरे की कमान उसकी मां नसीब कौर के हाथ में ही रहेगी. शायद राम रहीम सबसे ज्यादा भरोसा अपनी मां पर ही करता है. 29 अप्रैल को शाह सतनाम ने डेरे की नींव रखी थी. तब से लेकर अब तक इस दिन को डेरे की स्थापना दिवस के रुप में मनाया जाता है.
पिछले लंबे अरसे से इस दिन गुरमीत राम रहीम प्रवचन देता था और पूरे मंच को वही संभालता था. लेकिन अब हालात बदले हुए हैं. राम रहीम जेल में है. उसके खासमखास या तो जेल में हैं या फिर पुलिस की डर से फरार चल रहे हैं. राम रहीम के परिवार में पत्नी, बेटा, बेटियां और दामाद के रहते हुए उसकी बुजुर्ग मां ने डेरे की कमान संभाल ली है.
राम रहीम की मां की अगुवाई में तमाम नाम चर्चाएं होती रही है. हालांकि अभी पुलिस प्रशासन ने डेरे में सभाओं की इजाजत नहीं दी है. 29 अप्रैल को हजारों की तादात में डेरे के अनुयायियों ने नाम चर्चा की थी. उस दिन पुलिस लगातार उनको समझाती रही और रोकने की कोशिश करती रही, लेकिन इसके बावजूद अनुयाई सिरसा पहुंचे थे.
डेरे से जुड़े कुछ पुराने लोगों का कहना है कि राम रहीम जब तक जिंदा है, वह अपनी गद्दी पूर्ण रुप से किसी को नहीं सौपेंगा. वह अपने से ज्यादा विश्वास किसी पर नहीं करता है. नसीब कौर को गद्दी पर बैठाना सिर्फ एक दिखावा है. नसीब कौर को तमाम आदेश जेल में मुलाकात के दौरान राम रहीम ही देता है. वह उसी को फॉलो करती हैं.