आखिर क्या वजह है कि राम रहीम के डेरे पर तमाम गैर कानूनी गतिविधियां वर्षों से चलती रही और हरियाणा सरकार हर खबर से अपनी आंखें मूंदे बैठी रही. इस मामले पर खट्टर सरकार की किरकिरी तो खैर पहले दिन से ही हो रही है, लेकिन अब आजतक के खुफिया कैमरे में जो सच कैद हुआ है, वो आंखें खोल देने वाला है. क्या आप यकीन करेंगे कि आईबी वर्षों से डेरे की साजिश से आगाह कर रही थी, लेकिन सरकार ने हर बात की अनदेखी की और उसका खामियाजा 25 अगस्त को भुगतना पड़ा.
देखिए आज तक का स्टिंग ऑपरेशन...
आईबी के हेड कांस्टेबल सनमीत ने बताया कि सरकार को सचेत किया गया था कि यदि कोर्ट का फैसला राम रहीम के खिलाफ जाता है, तो डेरा के लोग कुछ भी कर सकते हैं. उन लोगों ने हथियार जमा कर रखे हैं. वे लोग अटैक कर सकते हैं. पेट्रोल बम से हमला कर सकते हैं. राम रहीम अपने भक्तों को हथियार चलाने लेकर मरने मारने तक की ट्रेनिंग दे रहा था. इस तरह राम रहीम के आश्रम में वर्षों से मानों जंग की तैयारी चल रही थी. आईबी हर रिपोर्ट पिछले 3-4 साल से सरकार को दिए जा रही थी.
इसे सरकार की लापरवाही कहें या फिर डेरे से अंदरुनी गंठजोड़ का नतीजा कि राम रहीम पर आने वाले फैसले से पहले राम रहीम और डेरा सच्चा सौदा के हर इरादे से वाकिफ होने के बावजूद अपने कानों में तेल डाल कर सोती रही और पंचकूला झुलस गया. दंगे की आग में 38 जानें चली गई, जबकि करोड़ों रुपये की संपत्ति जल कर राख हो गई. डेरे में नाजायज असलहों का जमवाड़ा और वहां चलती हथियारों की ट्रेनिंग तो एक ऐसी खुली सच्चाई थी, जिसकी खबर हर किसी को थी.
डेरे में रिटायर्ड फौजियों की मदद से राम रहीम अपने कुछ भक्तों को हथियार चलाने की ट्रेनिंग दिलवाता है. लेकिन जब राम रहीम के फंसने की बारी आई, तो उसने सरकार पर दबाव बनाने के लिए दूसरी तैयारियां भी शुरू कर दी थीं. इसमें पेट्रोल बम बनाने से लेकर नए सिरे से जंग छेड़ने की तैयारी शामिल थी. सितम देखिए कि आईबी ने इस तैयारी के बारे में भी सरकार को आगाह किया था. लेकिन सरकार ने कुछ नहीं किया. पंचकूला में धारा 144 लगने के बावजूद लाखों लोग आए और दंगा भड़क गया.