साध्वी रेप केस में जेल की सजा काट रहे राम रहीम के दोषी करार दिए जाने वाले दिन 25 अगस्त को पंचकूला में हुई हिंसा के आरोपी पवन इंसान ने पुलिस पूछताछ में कई खुलासे किए हैं. उसे मंगलवार को पंचकूला कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे पांच दिन की रिमांड पर भेज दिया गया है.
पुलिस पूछताछ में पवन इंसान ने बताया है कि पंचकूला में दंगा करवाने के लिए उसे सवा करोड़ रुपये दिए गए थे. अगस्त महीने में डेरे में हुई मीटिंग में भी वह शामिल था, जहां हनीप्रीत ने उसकी ड्यूटी लगाई थी. उससे कहा गया कि चूंकि वह पंचकूला को जानता है, इसिलए वह वहां अपने लोग भेजे.
पवन ने खुलासा किया कि चमकौर सिंह ने उसे सवा करोड़ रुपये दिए, ताकि वह पंचकूला में साजिश को अंजाम दे सके. इस केस में फरार चल रहे आदित्य इंसान के बारे में उसने बताया कि वह यूपी के लखनऊ में छिपा हुआ था. पवन भी कुछ दिनों तक यूपी में ही छिपा हुआ था. उसे उसके ठीकाने के बारे में जानकारी है.
उसने सबसे बड़ा खुलासा यह किया है कि डेरे का मुख्य प्रवक्ता डॉ. आदित्य इंसान फिलहाल गुजरात के भुज या फिर महाराष्ट्र के फलटण में छिपा हो सकता है. आदित्य का दोस्त अभिजीत उर्फ बबलू उसे पिछले काफी दिनों से शरण दे रहा है. सूत्रों के मुताबिक गिरफ्तारी के लिए एक पुलिस टीम जल्द ही भुज के लिए रवाना हो सकती है.
बताते चलें कि राम रहीम के बड़े राजदार पवन की गिरफ्तारी पंजाब के मोहाली के लालडू से हुई. इससे पहले 3 अक्टूबर को राम रहीम की चहेती हनीप्रीत की गिरफ्तारी भी मोहाली के जीरकपुर से हुई थी. इस तरह पंचकूला हिंसा के बाद फरार डेरे के दोनों मोस्ट वांटेड पंजाब के मोहाली से गिरफ्तार हुए हैं.
ऐसे में सवाल उठता है कि बाबा के राजदारों का पंजाब कनेक्शन क्या है? हनीप्रीत आखिरकार किसके संरक्षण में 85 दिनों से छुपी रही. पंजाब में डेरा के फरार मुजरिमों का कौन मददगार है? क्या वरिष्ठ कांग्रेसी नेता और पूर्व विधायक हरमिंदर सिंह जस्सी और पंजाब पुलिस के लोग उनकी मदद कर रहे हैं?
राम रहीम के समधी जस्सी पर डेरा के लोगों की मदद करने के आरोप लगे. ये आरोप डेरा के पूर्व सेवादार भूपेंद्र सिंह गोरा ने लगाए. हालांकि, जस्सी ने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया था, लेकिन सूत्र बताते हैं की उनकी जेड प्लस सिक्योरिटी में तैनात कुछ सुरक्षाकर्मी हनीप्रीत के साथ रहे.
सिक्योरिटी की आड़ में छोड़ा था डेरा
पंजाब पुलिस के कुछ कमांडोज हनुमानगढ़ में भी देखे गए थे. हनीप्रीत ने 28 अगस्त को जस्सी की जेड प्लस सिक्योरिटी की आड़ में ही डेरा छोड़ा था. 25 अगस्त को राम रहीम के काफिले में शामिल 400 गाड़ियों में ज्यादातर पंजाब नंबर की थी. सूत्रों की मानें तो पंजाब के मोहाली के एक बड़े बिल्डर द्वारा प्रायोजित दर्जनों गाड़ियां भी इस काफिले में शामिल थी.
28 अगस्त की रात निकली हनीप्रीत
फिलहाल पंचकूला पुलिस ने इस बड़े बिल्डर की गर्दन तक अपने हाथ नहीं डाले हैं और न ही कांग्रेसी नेता हरमिंदर सिंह जस्सी से कोई पूछताछ की है. सूत्रों के मुताबिक, 28 अगस्त की रात हनीप्रीत इंसान अपने दो बड़े सूटकेसों में काफी मात्रा में कैश और दूसरी कीमती सामान लेकर डेरा निकली थी. इस पूरे मामले में सुखदीप कौर ने उसकी मदद की थी.
सुखदीप कौर ने किया था खुलासा
सुखदीप कौन ने हरियाणा पुलिस को बताया था कि 38 दिनों की फरारी के दौरान हनीप्रीत को कई जगहों से कैश मिलता रहा. हनीप्रीत जितनी भी नकदी चाहिए होती थी वह किसी अज्ञात व्यक्ति को फोन करके मंगा लेती थी. क्या हनीप्रीत ने अपने साथ लाया कैश अपने मददगारों में बांट दिया था? क्या उस तक पहुंचाया गया पैसा उसी का था, जो छिपा रखा था?
हनीप्रीत की बढ़ सकती हैं मुश्किलें
सूत्रों के मुताबिक, डेरा प्रवक्ता पवन इंसान की गिरफ्तारी के बाद राम रहीम की मुंहबोली बेटी हनीप्रीत इंसान की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. एक ओर जहां पुलिस पवन इंसान के जरिए फरार चल रहे डेरा के दूसरे बड़े राजदार डॉक्टर आदित्य इंसान को गिरफ्तार कर सकती है. वहीं, यह दोनों प्रवक्ता हनीप्रीत इंसान के खिलाफ कई राज उगल सकते हैं, जिससे मुश्किल बढ़ेगी.