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UP: मनचलों के खौफ से घर में कैद हुई छात्रा, मजबूरन छोड़ी परीक्षा

पुलिस अधिकारियों की लापरवाही की वजह से एंटी रोमियो दस्ता सिर्फ कागजों पर ही दम तोड़ रहा है. नोएडा के सिटी सेंटर से सटे गांव मोरना में रहने वाले एक परिवार का दावा है कि मनचलों ने उनकी बेटी को इतना तंग किया कि उसने घर से निकलना तक छोड़ दिया है.

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सांकेतिक तस्वीर
सांकेतिक तस्वीर

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यूपी की सत्ता में आते ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महिलाओं और लड़कियों को मनचलों से छुटकारा दिलाने के लिए एंटी रोमियो दस्ते का गठन किया, लेकिन पुलिस अधिकारियों की लापरवाही की वजह से यह योजना सिर्फ कागजों पर ही दम तोड़ रही हैं.

नोएडा के सिटी सेंटर से सटे गांव मोरना में रहने वाले एक परिवार का दावा है कि मनचलों ने उनकी बेटी को इतना तंग किया कि उसने घर से निकलना तक छोड़ दिया है. उन्होंने बताया कि छेड़छाड़ की शिकायत के बाद दबंगों ने पीड़ित परिवार को सरेआम घर से बाहर निकालकर पीटा.

हद तो तब हो गई, जब पुलिस ने शिकायत के बाद पीड़ित परिवार के खिलाफ ही शांति भंग करने का मुकदमा दर्ज कर लिया. परिवार में दबंगों का इतना खौफ है कि पीड़ित लड़की पांच जनवरी को रिजर्व बैक ऑफ इंडिया की परीक्षा में हिस्सा लेने तक नहीं जा पाई.

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IAS बनना चाहती है पीड़ित छात्रा

पीड़ित परिवार के मुताबिक उनको पुलिस से कोई मदद नहीं मिल रही है. हालांकि अब अधिकारी मामले की जांच की बात कर रहे है. पीड़ित छात्रा आईएएस अधिकारी बनना चाहती है और वनडे प्रतियोगी परीक्षाओं के साथ इसकी भी तैयारी कर रही थी. कारपेंटर का काम करने वाले परिवार के मुखिया अपनी इकलौती बेटी की पढ़ाई मे कोई कोताही नहीं बरतते. अपनी बेटी का सपना पूरा करने के लिए उसे दिल्ली के एक बड़े कोचिंग संस्थान मे पढ़ने के लि​ए भेजते थे, लेकिन एक महीने से परिवार अब घर से बाहर निकलने में डरता है. बेटी अब कोचिंग भी नहीं जाती और इसकी वजह है मनचले.

मनचलों के फोन से परेशान छात्रा ने सिम तक तोड़ डाला

पीड़ित छात्रा की मानें तो मोहल्ले के मनचलों ने उसका मोबाइल नंबर कहीं से हासिल कर लिया था और लगातार फोन करके परेशान करते थे. जब वह घर से बाहर निकलतीं, तो उन पर कमेन्टस पास करते थे. छात्रा ने जब इसकी शिकायत मनचलों के परिवार से की, तो मां-बेटी की मनचलों ने पिटाई कर दी. फोन काल से परेशान छात्रा ने अपना सिम कार्ड तक तोड़ दिया. पीड़िता ने 14 दिसंबर को मनचलों के परिवार से पहली बार शिकायत की. मौके पर पुलिस भी पहुंची, लेकिन ये विवाद उस वक्त और बढ़ गया, जब 31 दिसंबर की देर शाम मनचले युवक अपने साथियों और परिवार के लोगों के साथ पीड़िता के घर आए और मां-बेटी को घर से बाहर निकाल कर पीटने लगे.

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पुलिस ने पीड़ित परिवार के खिलाफ ही दर्ज कर लिया केस

इस घटना के बाद भी परिवार को पुलिस से मदद नहीं मिली और ऊपर से पीड़ित परिवार के खिलाफ ही शांति भंग करने का मुकदमा दर्ज कर लिया. पीड़िता दबंगों से इतनी डर गई कि पांच जनवरी को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की परीक्षा देने तक नहीं गई. चौकाने वाली बात यह है कि शिकायत मिलने के बाद भी पुलिस ने इसे दोनों पक्षों के बीच मारपीट का मामूली मामला बताया.

पुलिस के मुताबिक दोनों पक्षों के खिलाफ शांति भंग का मुकदमा दर्ज किया गया है.  इसमें इस होनहार छात्रा का नाम भी शामिल है. उसकी बीमार मां और मौके पर मौजूद नहीं रहने वाले पिता के भी खिलाफ केस दर्ज किया गया है.

आला अधिकारियों ने दिया उचित जांच का भरोसा

जब मामला आला अधिकारियों के सामने आया, तो उन्होंने सिर्फ उचित पुलिस जांच का भरोसा दिलाया. हालांकि पुलिस के आला अधिकारियों के निर्देश पर अब आरोपियों के खिलाफ संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है, लेकिन इस मामले में अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है. इसलिए ये सवाल उठना लाजिमी है कि अगर लड़कियां इतने असुरक्षित माहौल में रहेंगी, तो वो आगे कैसे बढ़ेंगी.

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