scorecardresearch
 

UP: DIG के पैरों में गिरी बाबर की मां, पीटकर मारने के आरोपियों पर एक्शन की लगाई गुहार

परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर मामले से पल्ला झाड़ लिया और इसे गंभीरता से नहीं लिया. जैसे ही बाबर की मौत की खबर मीडिया में चलने लगी उसके बाद परिजन शव को लेकर धरने पर बैठ गए जिससे पुलिस के हाथ पांव फूल गए. आनन फानन में दो अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया.

Advertisement
X
बाबर के परिवार ने मांगा इंसाफ
बाबर के परिवार ने मांगा इंसाफ
स्टोरी हाइलाइट्स
  • डीआईजी के पैरों में गिरकर इंसाफ मांगने लगी बाबर की मां
  • बाबर के परिजनों को दो लाख रुपये का मुआवजा देने का यूपी सरकार ने किया ऐलान

यूपी के कुशीनगर में बीजेपी कार्यकर्ता बाबर की पीट पीट कर हत्या के मामले में जांच के लिए डीआईजी मृतक के घर पहुंचे. डीआईजी को देखकर बाबर की बेबस मां उनके पैरों में गिरकर न्याय की गुहार लगाने लगी. डीआईजी ने बाबर की बूढ़ी मां को उठाया और फिर घर के अंदर जांच करने चले गए.

Advertisement

दरअसल पहले तो पुलिस ने मामले में लापरवाही दिखाई लेकिन जैसे ही मीडिया में खबर चलने लगी पुलिस अधिकारी सक्रिय हो गई. सोमवार की देर शाम गोरखपुर रेंज के डीआईजी जे रविंद्र गौड़ मौके पर पहुंच कर पीड़ित परिवार से मिले.

डीआईजी जैसे ही मृतक बाबर के घर पहुंचे उसकी मां रोते हुए अधिकारी के पैरों में गिरकर न्याय की गुहार लगाने लगी. डीआईजी ने वहां मौजूद पत्रकारों को बताया कि परिजनों की तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है और दो अभियुक्तों की गिरफ्तारी भी हो चुकी है. परिजनों ने हत्या में शामिल जिन आरोपियों का नाम लिया है उन सभी की जांच की जाएगी.

उन्होंने कहा, इस मामले में लापरवाही बरतने वाले थानाध्यक्ष को लाइन हाजिर किया जा चुका है. इसके अलावा जिसकी भी इसमें भूमिका होगी उसके खिलाफ भी कार्रवाई होगी.

Advertisement

बता दें कि कुशीनगर के रामकोला थान क्षेत्र के कठघरही गांव में मुस्लिम युवक को बीजेपी का प्रचार करने और सरकार बनने पर मिठाई बांटने के कारण अपनी जान गंवानी पड़ी थी. 

मुस्लिम युवक की पास के ही पट्टीदारों ने जमकर पिटाई की जिसके बाद अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. मारपीट की घटना बीते 20 मार्च की है. 21 मार्च को पीड़िता फातमा की तहरीर पर पुलिस ने मारपीट के मामले में एफआईआर दर्ज की थी. मृतक का शव जैसे ही गांव में पहुंचा लोग आक्रोशित हो गए. लोगों ने शव को दफनाने से भी इनकार कर दिया.

मामला सत्ताधारी दल से जुड़े होने के कारण प्रशासनिक अमला भी सक्रिय हो गया. विधायक के साथ सीओ, एसडीएम  मौके पर पहुंचे और लोगों को समझाकर शांत कराया. मृतक बाबर के परिजनों का कहना था कि पड़ोस में रहने वाले पट्टीदार इस बात पर नाराज थे कि बाबर बीजेपी का प्रचार क्यों कर रहा है.  

बता दें कि बाबर की मौत के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने परिजनों को दो लाख रुपये मुआवजा देने का भी आदेश दिया है. (इनपुट -संतोष सिंह)

ये भी पढ़ें:

 

Advertisement
Advertisement