बीआरडी अस्पताल केस से चर्चा में आए गोरखपुर के डॉ. कफील खान के छोटे भाई कासिफ जमील पर हुए जानलेवा हमले के पीछे आपसी रंजिश की बात सामने आ रही है. पुलिस का कहना है कि कासिफ प्रॉपर्टी डीलिंग का काम करता है और इसी कारोबार के सिलसिले में उसका कई लोगों से विवाद चल रहा था.
डॉ. कफील के भाई कासिफ की रविवार रात अज्ञात बदमाशों ने गोली मारकर उनकी जान लेने की कोशिश की. कफील के भाई को तीन गोलियां लगी हैं. वह गोरखपुर के एक प्राइवेट अस्तपाल में भर्ती हैं.
गोरखपुर के SSP शलभ माथुर ने बताया कि पुलिस को अब तक डॉ. कफील के परिवार की ओर से कई तहरीर नहीं मिली है. उन्होंने कहा कि रात वक्त हमला करने वालों के लिए अनुकूल था, जिसके चलते वे हमला कर फरार हो गए. जल्द ही मामले का खुलासा कर दिया जाएगा.
पुलिस ने बताया कि जब कफील के भाई को गोली लगी तो वह खुद ही भागकर अस्पताल पहुंचे. जानकारी के मुताबिक उन्हें दो बाइक सवारों ने अपना निशाना बनाया. उत्तर प्रदेश पुलिस इस मामले में जांच कर रही है.
योगी के आवास से 500 मीटर की दूरी पर हुई वारदात
कासिफ पर जानलेवा हमले को लेकर उनके भाई डॉ. कफील खान ने कहा है कि यह हमला CM योगी आदित्यनाथ के घर से महज 500 की दूरी पर हुआ. पुलिस ने अब तक केस दर्ज नहीं किया है. पुलिस घायल कासिफ के स्वस्थ होने और उनका बयान लेने का इंतजार कर रही है.
He is recovering now. A case has not been registered yet as police are waiting for his health to improve so he can tell what actually happened. He was shot just 500 meters away from CM residence, last night: Dr Kafeel Khan on his brother being shot at. #Gorakhpur pic.twitter.com/3jPEDbK8Qb
— ANI UP (@ANINewsUP) June 11, 2018
बता दें कि इस हमले से पहले ही कफील ने खुद के और परिजनों पर हमले की आशंका जताई थी. उन्होंने इस घटना के बाद फिर से दोहराया है कि उनके परिवार को निशाना बनाया जा रहा है.
अपने भाई पर जानलेवा हमला होने के बाद डॉ. कफील ने कहा, 'मेरे भाई जमील को आज तीन गोलियां मारी गई हैं. उनकी हत्या करने की कोशिश की गई है. वह अस्पताल में भर्ती हैं. मैंने हमेशा से कहा था कि वे हमें मारने की कोशिश करेंगे.'
हाल ही में मिली है जमानत
आपको बता दें कि बीआरडी अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी से कई बच्चों के मरने के बाद डॉ. कफील को दोषी मानकर जेल भेज दिया गया था. उन्हें हाल ही में हाई कोर्ट से जमानत मिली है. इस केस में आरोपी डॉ. कफील को यूपी एसटीएफ ने लखनऊ से गिरफ्तार किया था. वह घटना के बाद से फरार चल रहे थे. कफील बीआरडी अस्पताल में वॉर्ड सुपरिंटेंडेंट थे.
कफील के खिलाफ नहीं मिले थे नेग्लिजेंस के सबूत
गोरखपुर बीआरडी मेडिकल कॉलेज में ऑक्सिजन की कमी के चलते बच्चों की मौत के मामले में करीब 8 महीने से जेल में बंद डॉ. कफील खान को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 30 अप्रैल को जमानत दे दी थी. हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि डॉ. कफील के खिलाफ मेडिकल नेग्लिजेंस या भ्रष्टाचार के कोई सबूत नहीं मिले हैं, इसलिए उन्हें जमानत पर रिहा किया जाता है.
गोरखपुर बीआरडी मेडिकल कॉलेज में बच्चों की मौत के लिए सरकार की ओर से जिम्मेदार ठहराए गए डॉ. कफील को हाईकोर्ट ने जब जमानत दी तो अपने आदेश में साफ लिखा कि अब तक आधिकारिक रूप से कफील खान के खिलाफ मेडिकल नेग्लिजेंस का कोई सबूत सामने नहीं आया है.
इतना ही नहीं ऑक्सिजन गैस की सप्लाई के लिए जारी टेंडर में हुए भ्रष्टाचार में भी हाईकोर्ट ने डॉ. कफील की संलिप्तता के सबूत मिलने से इनकार किया. डॉ. कफील को हाईकोर्ट से 25 अप्रैल को जमानत मिली और शनिवार को जेल से रिहा कर दिए गए.