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दिल्लीः बच्चों को ड्रग्स बेचने वाले रैकेट का पर्दाफाश

दिल्ली पुलिस ने एक ऐसे रैकेट का पर्दाफाश किया है, जो छोटे बच्चों को ड्रग्स बेचकर उनकी जिंदगी बर्बाद कर रहा था. इस गिरोह के जाल में फंसकर बच्चों को नशे की ऐसी लत लग जाती थी कि वे जुर्म करने से भी गुरेज नहीं करते हैं. पुलिस को पता चला कि ये रैकेट हर दिन करीब नशे की दो हजार पुडिया बेचकर लाखों कमाता था.

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पुलिस इस ड्रग्स रैकेट से जुड़े लोगों को तलाश कर रही है
पुलिस इस ड्रग्स रैकेट से जुड़े लोगों को तलाश कर रही है

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दिल्ली पुलिस ने एक ऐसे रैकेट का पर्दाफाश किया है, जो छोटे बच्चों को ड्रग्स बेचकर उनकी जिंदगी बर्बाद कर रहा था. इस गिरोह के जाल में फंसकर बच्चों को नशे की ऐसी लत लग जाती थी कि वे जुर्म करने से भी गुरेज नहीं करते हैं. पुलिस को पता चला कि ये रैकेट हर दिन करीब नशे की दो हजार पुडिया बेचकर लाखों कमाता था.

दिल्ली पुलिस ने जब इस रैकेट को पकड़ा तो उन्हें अंदाजा भी नहीं होगा कि उनके हाथ आया रैकेट एक बड़ा गिरोह है. जिसके जाल में कुछ बच्चे और अन्य लोग फंसे हुए थे. पुलिस ने शाहदरा जिले में छापे की कार्रवाई कर कई बच्चों को इस रैकेट से मुक्त कराया है. जो नशे का सामान बेचा करते थे.

ये रैकेट कई लोगों को नशे की लत लगाकर अपना गुलाम बना चुका था. दरअसल, दिल्ली की शहादरा जिला पुलिस ने पहले मुन्ना नामक एक शख्स को पकड़ा था, जो बरेली से ऑपरेट करने वाले एक गिरोह की मदद से सीमापुरी और न्यू सीमापुरी इलाके के बच्चों को ड्रग्स पहुंचाता था.

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पुलिस को जांच में पता चला कि इस गिरोह के लिए ऐसे बच्चे भी काम करते थे, जो खुद नशे के आदि हो चुके थे. इस रैकेट के लोग तकरीबन 2000 लोगों तक हर रोज नशे की पुड़िया पहुंचाया करते थे. इनमें से 18 लोगों को पुलिस ने रेस्क्यू कराया हैं, जिनमें से तीन नाबालिग बच्चे हैं.

पुलिस ने इस रैकेट के एक अहम सदस्य मुन्ना को तो गिरफ्तार कर लिया है, लेकिन उसके दो साथी अभी फरार हैं. पुलिस उनकी तलाश कर रही है. इस रैकेट के तार पड़ोसी राज्यों से भी जुड़े पाए गए हैं. पुलिस का मानना है कि एक दूसरा गैंग भी दिल्ली में सक्रिय है, जो युवाओं को नशे का सामान पहुंचा रहा है. पुलिस इस मामले में छानबीन कर रही है.

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