दिल्ली शराब घोटाले में पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया से जुड़े दो अलग-अलग मामलों में शुक्रवार को राउज एवेन्यू कोर्ट में सुनवाई हुई. एक मामला सिसोदिया की बेल याचिका से जुड़ा है. वहीं दूसरा मामला उनकी ईडी रिमांड से जुड़ा है. फिलहाल सिसोदिया की सीबीआई द्वारा गिरफ्तारी के खिलाफ दाखिल बेल याचिका पर सुनवाई 21 मार्च तक टाल दी गई है. वहीं कोर्ट ने ED की रिमांड वाली याचिका पर फैसला सुनाते हुए सिसोदिया की सात दिन की रिमांड मंजूर कर ली है. हालांकि ईडी ने कोर्ट से 10 दिन की रिमांड की मांग की थी.
सीबीआई ने 26 फरवरी को दिल्ली की शराब नीति में कथित घोटाले के मामले में मनीष सिसोदिया को गिरफ्तार किया था. सीबीआई की 7 दिन की हिरासत के बाद राउज एवेन्यू कोर्ट ने उन्हें 20 मार्च तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया था. इसके बाद सिसोदिया से तिहाड़ जेल में ईडी ने भी करीब 8 घंटे तक पूछताछ की थी, जिसके बाद उन्हें गुरुवार शाम को अरेस्ट कर लिया था.
नियम बदलकर 12% तक लाभ पहुंचाया
इससे पहले कोर्ट में सुनवाई के दौरान ED ने दावा किया कि आबकारी नीति तैयार करने के पीछे साजिश थी. शराब नीति में नियम बदलकर कुछ खास लोगों को 6% की जगह 12% लाभ पहुंचाया गया. इस नीति से दक्षिण की कंपनियों, बड़े कारोबारियों को लाभ पहुंचाया गया. सिसोदिया के कहने पर शराब नीति के नियम बदले गए. अवैध कमाई की व्यवस्था बनाई गई. इसके अलावा डिजिटल सबूत मिटाए गए.
ED ने बताया कि 12 प्रतिशत मार्जिन के सवाल पर सिसोदिया गलत जवाब दे रहे थे. इस घोटाले में 292 करोड़ रुपये की ट्रेल मिली है. हमें पूरी कार्यप्रणाली की जांच करने और अन्य आरोपियों के सामने पूछताछ करने की जरूरत है, इसलिए सिसोदिया से पूछताछ के लिए रिमांड जरूरी है.
दक्षिण में रॉबिन डिस्टिलरीज एलएलपी नाम की कंपनी है. ईडी के अनुसार यह कंपनी के. कविता और उनसे जुड़े ग्रुप का प्रतिनिधित्व करती है. ईडी का दावा है कि मनीष सिसोदिया और के कविता संपर्क में थे, हालांकि कविता लगातार यह बात कह रही हैं कि वह सिसोदिया से कभी नहीं मिलीं.
कोर्ट में LG की भूमिका पर उठाए सवाल
कोर्ट में सुनवाई के दौरान सिसोदिया के वकील ने कहा कि सरकार जब भी कोई पॉलिसी बनती है तो सरकार के अलावा उसे संबंधित विभाग, वित्त विभाग से होते हुए मसौदा उप राज्यपाल के पास जाता है. इस मामले में भी पूरी प्रक्रिया के बाद एलजी ने पॉलिसी को देखा, समझा और मंजूरी दी. उन्होंने पूछा कि एलजी ने जो शिकायत की है, वह टेंडर जारी होने के बाद की है, पहले की नहीं. यहां एजेंसी टेंडर जारी होने से पहले की बात कर रही है.
सिसोदिया के वकील दयान कृष्णन ने सिसोदिया की गिरफ्तारी पर भी सवाल किए. उन्होंने कहा कि हमारी बेल याचिका पर 10 मार्च को सुनवाई होनी थी लेकिन इससे पहले ही ईडी ने बिना समन भेजे सिसोदिया को अरेस्ट कर लिया. वकील ने कहा कि सिसोदिया को कोई पैसा नहीं मिला. उनके पास से भी छापेमारी के दौरान कुछ नहीं मिला. ईडी दिखा दे कि सिसोदिया के पास 1 रुपया भी उनके पास गया हो. ईडी का दावा है कि आम आदमी पार्टी से जुड़े रहे इवेंट्स कंपनी ‘ओनली मच लाउडर’ का पूर्व सीईओ विजय नायर सिसोदिया के लिए काम कर रहा था.