कानून की पैरवी करने वाले ही कानून अपने हाथ में लेने लगें तो इसे क्या कहा जाएगा. यूपी के इटावा में ऐसा ही कुछ मामला सामने आया है. यहां सिविल लाइंस क्षेत्र के जिला अस्पताल में वकीलों के एक गुट ने एक शख्स को जमीन पर गिरा कर बुरी तरह से पीटा. वकीलों के लाते-घूंसे बरसाने का पूरा वाकया एक वीडियो में कैद हो गया जो अब वायरल हो रहा है.
इस मामले में जिला अस्पताल की ओर से अज्ञात वकीलों के खिलाफ तहरीर दर्ज कराई गई. वहीं जिला बार एसोसिएशन की ओर से वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक और डीआईजी को शिकायत भेजी गई है. पुलिस का कहना है कि जांच में जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
वकीलों का कहना है कि अस्पताल में चीफ मेडिकल सुपरिटेंडेंट (सीएमएस) की शह पर अस्पताल में अवैध पार्किंग चलाई जाती है. वहीं सीएमएस अशोक कुमार पालीवाल का कहना है कि एक वकील अस्पताल के इमरजेंसी गेट के बाहर जबर्दस्ती बाइक खड़ी करने की कोशिश कर रहा था. जब अस्पताल के एक संविदाकर्मी ने ऐसा करने से रोका तो वकील ने बहस करना शुरू कर दिया.
पालीवाल के मुताबिक वकील को ये समझाने की कोशिश की गई कि ये इमरजेंसी गेट हैं और यहां स्ट्रेचर आदि को निकालने-ले जाने की जरूरत पड़ती रहती है. पालिवाल के मुताबिक वकील पर ये समझाने का भी कोई असर नहीं हुआ. वकील ने पहले खुद अभद्रता की और बाद में अपने कुछ और साथियों को बुला लिया. इसके बाद संविदाकर्मी को बुरी तरह से पीटा गया.
इटावा बार एसोसिएशन के सह सचिव अश्विनी कुमार ने इस घटना के लिए जिला अस्पताल के सीएमएस अशोक कुमार पालीवाल को कटघरे में खड़ा किया. अश्विनी कुमार ने कहा कि जिला अस्पताल में साइकिल स्टैंड का ठेका 31 मार्च को खत्म हो गया था. अश्विनी कुमार ने आरोप लगाया कि वहां अवैध पार्किंग स्टैंड चलाया जा रहा है जिसका पैसा सीएमएस के पास भी भेजा जाता है.
अश्विनी कुमार के मुताबिक उनके एक सहयोगी वकील मुवक्किल के काम से जिला अस्पताल गए तो उन्होंने इस अवैध पार्किंग का विरोध किया. इस पर वकील को पीट दिया गया. जब दूसरे वकील वहां पहुंचे तो उनके साथ भी अभद्रता की गई. जिसके बाद ये घटना घटी.
क्षेत्राधिकारी (सिटी) राघवेंद्र सिंह के मुताबिक पुलिस ने इस मामले में जांच शुरू कर दी है. जिला अस्पताल की ओर से एक तहरीर आई है जिस पर मुकदमा दर्ज किया जा रहा है. राघवेंद्र सिंह ने कहा कि जो भी दोषी होगा उस पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.