राष्ट्रीय राजधानी की एक अदालत ने दिल्ली के पूर्व विधायक रामबीर शौकीन को मंगलवार को न्यायिक हिरासत में भेज दिया. उन्हें एक संगठित अपराध गिरोह चलाने के लिए महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (मकोका) के तहत बाहरी दिल्ली से रविवार शाम गिरफ्तार किया गया था.
दिल्ली पुलिस ने अदालत को बताया कि अब और पूछताछ के लिए आरोपी के हिरासत की जरूरत नहीं है. इसके बाद अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश राकेश पंडित ने शौकीन को 15 दिसंबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया. इस मामले में कई अन्य आरोपी जेल में पहले से ही बंद हैं.
इनमें कुख्यात अपराधी नीरज बवाना, पंकज शेहरावत, सुनील राठी, राहुल डबास, नवीन डबास उर्फ बाली, नवीन हुड्डा उर्फ भांजा, अमित मलिक उर्फ भूरा, गुरप्रीत सिंह और दीपक डबास उर्फ दीपा के खिलाफ अक्टूबर 2015 में मकोका के तहत आरोप पत्र दाखिल किया गया है.
बवाना को बीते साल सात अप्रैल को पश्चिमी दिल्ली के मुंडका इलाके से गिरफ्तार किया गया था. पुलिस ने अपने आरोप पत्र में कहा है कि सभी आरोपी एक आपराधिक गिरोह का संचालन कर रहे थे. जो जमीन कब्जाने, जबरन उगाही और हत्या जैसे वारदातों को अंजाम दे रहा था.
पुलिस ने बवाना को 'अराजकता का प्रतीक' तथा गिरोह का 'सरगना' करार दिया है, जबकि शौकीन गिरोह का 'राजनीति चेहरा' है. शौकीन इन अपराधियों की ताकत का इस्तेमाल विधानसभा चुनाव जीतने में कर रहा था, ताकि उसकी राजनीतिक महत्वकांक्षा और बढ़े तथा ज्यादा से ज्यादा आर्थिक लाभ हो.