फूलप्रूफ बॉयोमैट्रिक तरीके से बनाए जाने वाले आधार कार्ड को भी क्या एक आदमी अलग-अलग नामों से बनवा सकता है. आप सोच रहे होंगे कि यह हरगिज संभव नहीं. लेकिन एक शख्स निजी फाइनेंस कंपनी को फर्जी आधार के जरिए महंगे इलेक्ट्रॉनिक आइटम्स को फाइनेंस करवाकर चूना लगा रहा था. पुलिस में शिकायत के बाद फर्जीवाड़ा करने वाले शख्स को नॉर्थ दिल्ली की रूपनगर थाना पुलिस ने धर दबोचा.
पुलिस के हत्थे चढ़े इस शातिर शख्स के कारनामे सुनकर आप भी दंग रह जाएंगे. कभी वह गौरव कुकरेजा बन जाता था तो कभी वह योगेश शर्मा के नाम से जाना जाता था. दरअसल पुलिस गिरफ्त में आया यह शख्स इलेक्ट्रॉनिक आइटम फाइनेंस करवाते हुए फाइनेंस कंपनी को लाखों रुपये का चूना लगा रहा था.
शोरूम से लिए गए सामान को यह औने-पौने दामों पर बेच रहा था. समय पर ईएमआई जमा न होने पर फाइनेंस कंपनी ने आरोपी की डिटेल खंगाली तो पता चला कि फाइनेंस के समय जितने भी आधार कार्ड का इस्तेमाल किया गया है, उसमें फोटो तो एक ही शख्स का है मगर उसमें नाम और पता अलग-अलग दर्ज है.
फाइनेंस कंपनी की शिकायत पर पुलिस ने जाल बिछाकर आरोपी को धर दबोचा. शुरूआत में तो आरोपी पुलिस को गुमराह करता रहा लेकिन सख्ती से पूछताछ के बाद उसने अपना गुनाह कबूल कर लिया. आरोपी के पास 10 से अधिक आधार कार्ड बरामद हुए हैं, जिसमे सिर्फ फोटो उसका है मगर नाम और पता अलग-अलग दर्ज है.
इन सभी आधार कार्ड को फर्जी तरीके से बनाया गया था. गौरतलब है कि आधार कार्ड को पुख्ता प्रमाण पत्र मानते हुए फाइनेंस कंपनियां तुरंत लोन अप्रूव कर देती हैं. जिसका फायदा उठाकर आरोपी फाइनेंस कंपनी को लाखों रुपये का चूना लगा रहा था.